गोरखपुर, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) । सोशल मीडिया का नशा मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक है। यह नशा परिवार और समाज से जोड़ने की बजाय एकांतिक जीवन की ओर ले जा रहा है। इसे हमें स्वनियंत्रण में रखना होगा। हमें अपने स्वास्थ्य समस्याओं के लिए गूगल पर आश्रित न होकर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य की मजबूती के लिए अहंकार को त्यागना जरूरी है। साथ ही तनाव और अवसाद से बचने के लिए चिंता की बजाय चिंतन करना चाहिए।
यह बातें दयानंद एंग्लो वैदिक कालेज सिवान (बिहार) की मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अपर्णा पाठक ने कहीं। डॉ. अपर्णा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के एमबीबीएस प्रथम बैच और गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के पंद्रह दिवसीय दीक्षारंभ समारोह के चौथे दिन शुक्रवार को ‘किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर व्याख्यान दे रहीं थीं।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमें मानसिक स्वास्थ्य की भी आवश्यकता है। तभी हम अपने कार्यों और दायित्वों का निर्वहन कर सकते हैं। उन्होंने समझाया कि चिंतन हमें सकारात्मक बल देता है और चिंता हमें अस्वस्थ करता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें योग, श्रम, साकारात्मक सोच, साहस को जीवन में धारण करना चाहिए।
डॉ. पाठक ने कहा कि किशोरावस्था में बहुत से हार्मोनल बदलाव के कारण शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। कई मानसिक व्याधियां इन बदलावों के कारण होती हैं इसलिए परिवार के बड़े लोगों, शिक्षकों और डॉक्टरों से इन बदलावों को समझना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन आचार्य साध्वीनन्दन पाण्डेय ने तथा आभार ज्ञापन डॉ. देवी नायर ने किया।
इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, डॉ. किरण रेड्डी, डॉ राजेश बहल, श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद कुशवाहा, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्रिंसिपल डॉ. गिरिधर वेदांतम, डॉ. प्रियंका, डॉ प्रिया समेत कई शिक्षक, बीएएमएस और एमबीबीएस के सभी नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय