रायबरेली, 08 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राहुल गांधी के बयान पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शुक्रवार को कांग्रेस ने राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने पिछले 10 वर्षों में मंत्री की अर्जित संपत्ति की जांच की मांग की है। रायबरेली जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पंकज तिवारी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि दिनेश प्रताप सिंह ने पिछले 10 वर्षो में अकूत संपत्ति बनाई है और दलित-पिछड़े वर्ग की जमीनों पर कब्जा किया है।उनके व उनके परिवार द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच होनी चाहिए । पंकज तिवारी ने कहा कि उनके द्वारा गलत हथकंड़े अपना कर जमीन हथियाने के लिए राजस्व अभिलेखों में कराये गये हेर-फेर की जांच भी हो।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि दलितों-पिछड़ों की बात करने वाले दिनेश प्रताप सिंह ने सिर्फ अपने परिवार को टिकट दिलवाया है, दिनेश प्रताप सिंह को याद रखना चाहिए कि अपने भाई को टिकट दिलाने के लिए टिकट के दावेदार शिव गणेश लोधी को इतना प्रताड़ित किया कि इस सदमें से उनकी जान चली गयी उन्होंने कितने दलित और पिछड़ों को टिकट दिलवाया है यह किसी से छुपा नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजनीति से लेकर ठेका-पट्टी तक अपने परिवार के पास रखने वाले दिनेश प्रताप सिंह की पहचान एक दल-बदलू नेता की है। जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने दिनेश प्रताप सिंह की अज्ञानता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया को दिखाया गया उनका डाटा भ्रामक है, जबकि सच्चाई यह है कि 1951 से लेकर 2022 तक दलित और पिछड़ो को कांग्रेस पार्टी ने सम्मान सहित आगे बढ़ाने का काम किया है, जिसमें मुख्य रुप से बैजनाथ कुरील (सांसद), शिव बालक पासी (विधायक), रामेश्वर प्रसाद पासी (विधायक), रामदुलारे कुरील (विधायक), शिवदर्शन पासी (विधायक), राजाराम त्यागी (विधायक), दलित समाज से और पिछड़े समाज से धनीराम जायसवाल (एम.एल.सी.), रामदेव यादव (विधायक), कमल नयन वर्मा (विधायक), शिव गणेश लोधी (विधायक), रामदुलारे कुरील (जिलाध्यक्ष), शीतला प्रसाद पटेल (जिलाध्यक्ष), कमल नयन वर्मा (जिलाध्यक्ष), हाजी मोहम्मद वसीम (जिलाध्यक्ष) कांग्रेस के बड़े पदों पर रहे है, जबकि भाजपा नेता द्वारा मीडिया के सामने झूठ बोलकर गलत तथ्यों को रखा गया जो उनकी अज्ञानता को दर्शाता है, मीडिया के सामने झूठे तथ्य रखने के लिए उन्हें सार्वजनिक रुप से माफी मांगनी चाहिए।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि दिशा की बैठक में राहुल गांधी द्वारा 8 लोगों को नामित किया गया था, जिसमें दलित व पिछड़े वर्ग से 5 सदस्यों को स्थान दिया गया, इनमें संगीता पासी, किरन देवी, सुन्दर लाल निर्मल, शैलेन्द्र यादव, मोबीन अंसारी शामिल थे, ऐसे में दिनेश प्रताप सिंह द्वारा दलित और पिछड़ों पर दिया गया बयान झूठा, बेबुनियादी और शर्मनाक है।
(Udaipur Kiran) / रजनीश पांडे