Jammu & Kashmir

चार दिवसीय छठ महापर्व उगते सूर्य अर्घ्य के साथ हुआ संपन्न, पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए सीटीएम प्रबंधन ने किया आभार व्यक्त

The four-day Chhath festival concluded with the rising sun Arghya.

कठुआ 08 नवंबर (Udaipur Kiran) । चार दिवसीय छठ का महापर्व कठुआ में धूमधाम से मनाया गया, जोकि शुक्रवार को उगते सूर्य अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया। जिला कठुआ में बाहरी राज्य से आऐ लोगों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी इस पर्व में भाग लिया।

कठुआ में शुक्रवार की सुबह सब्जीमंडी के पास नहर पर बने घाट पर सैकड़ों व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही चार दिवसीय आस्था का महापर्व संपन्न हो गया। इस अवसर पर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए छठी मइया से कामना की। सीटीएम प्रबंधन की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष उमेश गुप्ता, कार्यकारी उपाध्यक्ष यू के पटनायक, उपाध्यक्ष मनोज कुमार झा, उपाध्यक्ष आर के बंसल, महाप्रबंधक जसविंदर सिंह ने चार दिवसीय महापर्व छठ के शांति पूर्वक समापन पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीटीएम के स्वयंसेवकों, और स्थानीय लोगों को इस पर्व में भरपूर सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। वहीं रेलवे रोड़ स्थित खजूरिया मार्केट के सदस्यों ने 36 घंटे से लगातार व्रत रखने वाले व्रती महिलाओं के लिए हलवा, न्यूट्री ब्रेड, चाय बिस्कुट आदि का लंगर लगाकर उनके व्रत खुलवाकर पुण्य प्राप्त किया।

कठुआ में भी पूर्वोत्तर के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा के मौके पर लोगों में उत्साह का माहौल रहा। गौरतलब हो कि गुरूवार को शाम को सूर्यअस्त को अर्घ्य देने के बाद लोगों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इससे पहले बुधवार की शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू हुआ था जो शुक्रवार को सूर्य को अर्घ्य तक जारी रहा। पर्व में शामिल नंद लाल खजुरिया, राजेंद्र कुमार, अशोक कुमार, सरदारी सिंह, महेश कुमार, राहुल, विवके, रामछब्बीला, रवी कुमार, अमित चौरसिया, अखलेश कुमार, ब्रिजू, हरी शंकर, मनोज कुमार, मोनू, सैलंद्र, घार सिंह आदि ने बताया कि छठी मइया की पूजा का व्रत 36 घंटे निर्जला रखा जाता है जो काफी कठिन माना जाता है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण व्रत के दौरान पवित्रता और भगवान सूर्य को अर्घ्य देना है। इस पूरे व्रत में दो बार अर्घ्य दिया जाता है। पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि के दिन सूर्यअस्त को दिया जाता है। दूसरा अर्घ्य उदय होने वाले भगवान भास्कर को दिया जाता है।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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