– मुख्यमंत्री डॉ. यादव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, मध्य क्षेत्र ने व्यक्त किया शोक
भोपाल, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय शिक्षा आंदोलन के नेतृत्वकर्ता और शिक्षा में भारतीयता के ध्वजवाहक, लेखक एवं चिंतक दीनानाथ बत्रा का 94 वर्ष की आयु में गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। बत्रा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षा बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके निधन पर दु:ख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक प्रेरणादायक शिक्षक के रूप में बत्रा को सदैव याद किया जाएगा। उनका संपूर्ण जीवन शिक्षा को समर्पित था। दीनानाथ बत्रा कुरुक्षेत्र के श्रीमद भागवत गीता कॉलेज में प्रधानाचार्य भी रहे। साथ ही वे शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के माध्यम से शिक्षा में निर्णायक बदलाव के ध्वजवाहक थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से दिवंगत दीनानाथ बत्रा की आत्मा की शांति और परिजन एवं मित्रजन को इस गहन दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के मध्य क्षेत्र के संयोजक एवं मप्र हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के निदेशक अशोक कड़ेल ने बत्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। अकादमी निदेशक कड़ैल ने कहा कि बत्रा प्रेरणादायी शिक्षक होने के साथ कुशल संगठनकर्ता भी थे। उन्होंने देश में शिक्षा बचाव आंदोलन समिति के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। साथ ही, शिक्षा से जुड़ी विभिन्न शासकीय और अशासकीय समितियों, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री और उपाध्यक्ष के रूप में शिक्षा सुधार की गतिविधियों का नेतृत्व किया। बत्रा ने शिक्षा से जुड़े विषयों पर एक दर्जन से अधिक पुस्तक लिखी। उन्हें उत्कृष्ट कार्यो के लिए राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। श्री कड़ेल ने उनके निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और परमात्मा से परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।
(Udaipur Kiran) तोमर