लखनऊ, 07 नवम्बर (Udaipur Kiran) । समाजवादी पार्टी (सपा)के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में अराजकता पैदा किया है। कानून और संविधान का शासन खत्म कर दिया है। भाजपा की अराजकता से सभी लोग दुःखी और आहत है। भाजपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में बदले की भावना से कार्य किया है। राजनीतिक विरोधियों के साथ अन्याय और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वेष भावना से लोगों के घरों को गिरा रही है। निर्दोष लोगों के घर-परिवार को उजाड़ा जा रहा है। सत्ता की ताकत के अहंकार के कारण भाजपा सरकार में नैतिकता और मानवीयता भी नहीं रह गयी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अब तक की सबसे नकारात्मक कार्य करने वाली सरकार है। इस सरकार ने पूरे कार्यकाल में विकास के बजाय विनाश ही किया है। लोगों के घर गिराए, विकास कार्यों को रोका, उन्हें बर्बाद किया और भ्रष्टाचार का चौतरफा बोलबाला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था संभालने में विफल रही है। कानून व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया है। इस सरकार ने लोगों का घर-परिवार और जिंदगी कुछ भी सुरक्षित नहीं है। हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। व्यापारी लूटे जा रहे हैं। इसी सप्ताह सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर में व्यापारियों के साथ लूट की घटनाएं हुई। कई जिलों में हत्याओं के घटनाएं हुई। महिलाओं और बेटियों के साथ दुष्कर्म और बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था सुधारने, विकास करने और आम जनता की मदद करने के बजाय समाज को बांटने का असंवैधानिक कार्य कर रही है। भाजपा की शोषणकारी नीतियों से किसान, नौजवान, व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर सभी दुःखी और परेशान हैं। आज किसानों को डीएपी और अन्य खादें नहीं मिल रही है। भाजपाइयों ने सारी खाद दबा रखी है और खाद की कालाबाज़ारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि डीएपी और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) दोनों में अक्षरों की समानता है और ये भी कि ये दोनों ही भाजपा के पतन को और तेज कर देंगे। जितना किसान सम्मान के नाम पर दिया जा रहा है, उससे ज़्यादा खाद की कालाबाज़ारी से लिया जा रहा है। भाजपा शासन से त्रस्त जनता भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए दृढ़ संकल्पित है और भाजपा सरकार से मुक्ति के लिए विधानसभा के उपचुनाव में एकजुट होकर मतदान के लिए तैयार हैं।
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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा