देहरादून, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । यूपीसीएल, यूआरईडीए और सीईईडब्ल्यू की ओर से गुरुवार को उत्तराखंड राज्य सौर नीति को लेकर मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर रूफटॉप सोलर के लिए सक्षम प्रावधानों, क्षमता और उत्तराखंड को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए चल रही सरकारी पहल पर चर्चा की गई।
यूपीसीएल सोलर सेल के चीफ इंजीनियर आशीष अरोड़ा ने मीडिया को सरकार के विजन, पीएम सूर्य घर पोर्टल एप्लीकेशन संचालन के तरीके, यूपीसीएल की ओर से सब्सिडी देने के तरीके और रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सोलर पॉलिसी प्रयासों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन अग्रणी राज्यों में से एक है जो पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्रीय सब्सिडी के अलावा एक किलोवॉट के लिए 17 हजार रुपये से लेकर तीन किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर पर 51 हजार रुपये राज्य सब्सिडी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि राज्य ने पिछले सात महीनों में उल्लेखनीय प्रगति की है जिससे आवासीय सोलर खंड में 23 मेगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा स्थापित हुई है। आवासीय क्षेत्र में सेवा देने वाले मान्यता प्राप्त वेंडर की संख्या भी बढ़कर 320 हो गई है।
उत्तराखंड सोलर पॉलिसी ने विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों (आवासीय क्षेत्र में 250 मेगावाट) में वितरित सौर ऊर्जा क्षमता का दोहन करके, संस्थागत बुनियादी ढांचे को मजबूत करके, अभिनव व्यावसायिक मॉडल को बढ़ावा देकर, ग्रामीण आजीविका अनुप्रयोगों का विस्तार करके और इको-पर्यटन का समर्थन करके 2027 तक 2500 मेगावाट क्षमता पाने के लक्ष्य की कल्पना की है।
सीईईडब्ल्यू के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में 25 करोड़ से अधिक घरों में छतों पर 100 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता तैनात करने की आर्थिक क्षमता मौजूद है, जिसमें उत्तराखंड में लगभग एक गीगावाट की आर्थिक क्षमता है।
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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण