HimachalPradesh

वेद मंत्रों की ध्वनी के बीच श्रीरामार्चा महायज्ञ का भव्य पूजन आरंभ

श्रीरामार्चा महायज्ञ

मंडी, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । मंडी में नौ दिवसीय श्रीरामार्चा महायज्ञ व श्रीराम कथा के दूसरे दिन वेद मंत्रों की ध्वनी के बीच श्रीरामार्चा महायज्ञ की भव्य पूजन आरंभ हो गया है। इस दौरान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमानजी का पंचोपचार विधि से पूजन अर्जन आदि कर दर्जनों दीपकों से महाआरती की गई। तत्पश्चात प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान देश के अन्य प्रांतों से भी साधु संतों का आगमन हुआ। वहीं काशी से आए बटुकों ने श्रीराम नाम का अखंड नाम संकीर्तन आरंभ कर माहौल को भक्तिमय कर दिया। इसके साथ ही प्रातरू काशी विश्वनाथ दरवार की भव्य आरती की गई।

दोपहर एक बजे से श्री मानस पीठ खजुरीताल जिला मैहर मध्यप्रदेश से आए कथा व्यास श्रीमानस पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामललाचार्य जी महाराज ने श्रीराम कथा का आरंभ श्रीराम नाम के संकीर्तन से किया। इससे पूर्व महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने व्यास पीठ और कथा व्यास का पूजन कर दंडी महात्माओं की विधिवत पूजा की। तत्पश्चात क्षेत्रवासियों ने श्रीराम कथा का श्रवण किया। सायं चार बजे बाद गौमाता और क्षेत्र के सभी देवी देवताओं को भोग अर्पण कर सभी श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।

बता दें कि श्रीरामार्चा महायज्ञ में शीघ्र ही अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी श्री श्री 1008 ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज ज्योतिर्मठ अवान्तर भानपुरा पीठ जिला मंदसौर मध्यप्रदेश व अनंत श्री विभूषित निर्वाण पीठाधीश्वर 1008 राजगुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज बिकानेर के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होगा। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जब किसी क्षेत्र विशेष पर भगवान शिव और श्रीराम की कृपा होती है, तो उस क्षेत्र को श्रीरार्चा महायज्ञ का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस महायज्ञ को देखने, करने व इसके एकमात्र कण के प्रसाद को ग्रहण करने से बराबर फल की प्राप्ति होती है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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