शिमला, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एचपीएनएलयू) शिमला ने अपनी 5वीं राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया। प्रतियोगिता 6-7 नवंबर को ऑनलाइन राउंड के साथ शुरू हुई जबकि ऑफलाइन राउंड 16 नवंबर को हाइब्रिड मोड में आयोजित होंगे।
इस वर्ष की प्रतियोगिता में देशभर के प्रमुख लॉ स्कूलों और विश्वविद्यालयों से 15 से अधिक टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता का उद्घाटन आज को एक भव्य समारोह के साथ हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अमर पाल सिंह ने शिरकत की। अपने उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर सिंह ने कानूनी पेशे में अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए एक दिलचस्प सादृश्य प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा, किताबों में तैरना सीखना और पानी में तैरने का अनुभव करना मौलिक रूप से अलग है। इसके माध्यम से उन्होंने कानूनी शिक्षा में सैद्धांतिक अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागियों से अपील की कि वे कानूनी पेशे में अनुभवात्मक शिक्षा को अपनी शिक्षा का एक अभिन्न हिस्सा बनाएं।
कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) प्रीति सक्सेना ने अपने संबोधन में कानूनी शिक्षा के बदलते परिदृश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के समय में नैदानिक और अनुभवात्मक शिक्षा पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। मूट कोर्ट्स और अन्य व्यावसायिक अभ्यासों के माध्यम से छात्र अपने वकालत, अनुसंधान और आलोचनात्मक सोच के कौशल को निखार सकते हैं।
5वीं राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता कानूनी ज्ञान और वकालत कौशल की कठोर परीक्षा प्रदान करने का वादा करती है। यह प्रतियोगिता देशभर से प्रतिभाशाली छात्रों को बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण और उत्तेजक अनुभव प्रदान करेगी। ऑनलाइन राउंड 6-7 नवंबर को होंगे, जबकि ऑफलाइन राउंड 16 नवंबर को शिमला में एचपीएनएलयू के परिसर में आयोजित होंगे।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला