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जिला पुलिस कांगड़ा ने लांच किया ‘एसपी को बोलो’ एप, लोगों को अब नही काटने पड़ेंगे अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर

एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री पत्रकार वार्ता के दौरान।

धर्मशाला, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । ऋजिला पुलिस कांगड़ा के अंतर्गत दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को अब अपनी शिकायतों को लेकर एसपी और डीएसपी ऑफिस के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। यह बात एसपी जिला पुलिस कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बुधवार को ‘एसपी को बोलो’ एप लांच करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि इस एप के जरिए शिकायतकर्ता सबंधित पुलिस थाना और चौकी में जाकर एसपी और डीएसपी से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुडक़र अपनी शिकायत करने के साथ ही अपनी शिकायतों का अपडेट भी ले सकेंगे।

एसपी ने कहा कि दूरदराज से लोग पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंचते थे, लेकिन अधिकारी के फील्ड में होने अथवा अन्य डयूटी पर जाने के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता था। एप के माध्यम से सभी उपमंडलों के लिए शेडयूल निर्धारित किया जाएगा और निर्धारित दिन को एसपी शिकायतें सुनेंगी।

एसपी ने लाइव सुनी महिला की पहली शिकायत

एप के लांच के दौरान पहली शिकायत लंबागांव पुलिस थाना के अंतर्गत सुनी गई। क्षेत्र की महिला कोमल ने लंबागांव पुलिस थाना से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जमीनी विवाद को लेकर अपनी समस्या एसपी के समक्ष रखी। इस पर एसपी ने सबंधित पुलिस थाना अधिकारियों को पटवारी के साथ मौके पर जाकर निशानदेही बारे निर्देश दिए।

अदीवा योजना के लागू होने से घरेलू हिंसा के मामलों में आई कमी

जिला कांगड़ा में घरेलू हिंसा के मामलों में अदीवा योजना के लागू होने के बाद से कमी आई है। आलम यह है कि वर्ष 2022 के मुकाबले जिला में इस वर्ष घरेलू हिंसा के मामलों में कमी देखी गई है। वर्ष 2022 से शुरू की गई इस योजना में महिलाओं को घरेलू हिंसा के लिए सबंधित पुलिस थाना और चौकी में ही महिला हेल्प डेस्क पर सुविधा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022 में जिला में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की ही 913 शिकायतें थी, वर्ष 2023 में 860, जबकि इस वर्ष अभी तक 409 शिकायतें ही रह गई हैं। इतना ही नहीं इस योजना में काउंसलिंग के बाद भी महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा न छोड़ने वाले सात मामले भी दर्ज किए गए हैं।

एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि जिला में घरेलू हिंसा को रोकने के लिए अदीवा योजना को शुरू किया गया था। इसमें पुलिस थाना और चौकी में एक अलग से हेल्प डेस्क की सुविधा महिलाओं के लिए प्रदान की गई है। हेल्प डेस्क पर भी महिला नोडल अधिकारी की तैनाती की गई जिससे कि पीड़ित महिलाएं बिना संकोच के अपनी शिकायत और आपबीती सुना सकती हैं। शिकायत मिलने के बाद पुलिस की ओर से पीडि़ता के परिवार की काउंसलिंग और उन्हें समझाने का प्रयास किया जाता है। इसके बाद छह माह तक शिकायत का फालोअप किया जाता है। पहले यह भी सामने आता था कि शिकायत के बाद और पुलिस के मौके पर जाने के बाद भी पीड़िता के साथ हिंसा नहीं रूकती थी। अब छह माह तक शिकायत का फालोअप किया जाता है।

एसपी ने कहा कि इस वर्ष जिला में अभी तक 409 शिकायतें ही घरेलू हिंसा की रह गई हैं। पुलिस द्वारा योजना के तहत काउंसलिंग के लिए 579 फोन किए गए और सात एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 137 शिकायतों पर काउंसलिंग के बाद फालोअप किया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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