मुरादाबाद, 06 नवम्बर (Udaipur Kiran) ।जिले के कई राइस मिलर्स एवं उनसे जुड़े अन्य व्यापारियों द्वारा आढ़त के बहाने किसानों से सस्ता धान खरीद कर अपने गोदामों में स्टाक करने वालों पर अब नकेल कसी जाएगी। प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक ने कहा कि खरीद में गड़बड़ी करने की शिकायत मिलने पर जांच होगी। इस दौरान मामला पकड़ में आने पर कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि धान की खरीद तेज करने को लेकर धान को खपाने की तैयारी भी चल रही है। जल्द ही धान क्रय केंद्रों पर कृत्रिम खरीद शुरू होगी। फर्जी किसान अपने वाहनों से धान भरकर केंद्रों पर पहुंचेंगे। ई-पाश मशीनों पर अंगूठे लगाकर खरीद हो जाएगी। आनलाइन भुगतान होकर सरकारी धन फर्जी किसानों के खातों में पहुंचेगा। खातों से धनराशि निकलकर धान खरीद के खिलाड़ियों तक पहुंच जाएगा। जिले में धान खरीद का यह नया तरीका नहीं है। हर साल धान खरीद में यही तरीका अपनाया जाता है।
गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई
इसी तरह की अब तक आ रही गड़बड़ियों को देखते हुए सहकारिता विभाग की साधन सहकारी समितियों के माध्यम से खोले गए क्रय केंद्रों की भी निगरानी हो रही है। आढ़तों के नाम पर जिन लोगों के पास चावल और धान का स्टाक है, उनके बारे में भी सूचनाएं इकट्ठा कराई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि ठाकुरद्वारा, कुंदरकी, पाकबड़ा, पीपलसाना और दलपतपुर के कई व्यापारियों को चिह्नित भी कर लिया गया है। आढ़तियों से स्टाक का हिसाब लिए जाने की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है।
प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक शैलेष कुमार का कहना है कि धान खरीद किसानों से ही होगी। छोटे किसानों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। खरीद में गड़बड़ी करने की शिकायत मिलने पर जांच होगी। इस दौरान मामला पकड़ में आने पर कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रों पर पहले ही दिन से राइस मिलर्स करते है अपनी मनमानी
खाद्य विभाग की विपणन शाखा के इस साल 26 क्रय केंद्र हैं। भारतीय खाद्य निगम के दो, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ), उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन (पीसीयू) और उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) के 32 क्रय केंद्र हैं। सहकारिता विभाग मेहरबानी से खुलने वाले इन अधिकतर केंद्रों पर पहले ही दिन से राइस मिलर्स अपनी मनमानी करते हैं। केंद्र प्रभारी तो कठपुतली की तरह राइस मिलर्स के इशारों पर ई-पाश मशीन का संचालन करते हैं। इसके बदले उनका भी ख्याल रखा जाता है। इस साल धान खरीद की रफ्तार धीमी रहने के लिए पीछे सबसे अहम कारण यही है।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल