नई दिल्ली, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के अजीत पवार गुट को आदेश दिया कि घड़ी चुनाव चिह्न के साथ वह 36 घंटे के अंदर हिंदी, अंग्रेजी और मराठी भाषा के अखबारों में उसी भाषा में कोर्ट के आदेश संबंधी डिस्क्लेमर प्रकाशित करें। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने अजीत पवार गुट से इस आदेश के अनुपालन से संबंधित रिपोर्ट का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान आज अजित पवार के वकील ने कोर्ट को बताया कि हमने अपना अंडरटेकिंग दाखिल किया है कि हम कोर्ट के पिछले आदेशों का पालन कर रहे हैं। हमने इसकी फोटो भी दाखिल की हैं। इन सबके बावजूद हमने समाचार पत्रों में नए अंडरटेकिंग के साथ विज्ञापन दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि न्यूज पेपर में डिस्क्लेमर प्रकाशित करने में इतना समय क्यों लग रहा है। तब अजीत पवार के वकील ने आरोप लगाया कि शरद पवार गुट ने अदालत झूठे बयान दिए हैं। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है। तब शरद पवार के वकील ने कहा कि अजीत पवार गुट ने वीडियो हटा दिए हैं लेकिन अजित पवार से जुड़े लोग शरद पवार के वीडियो दिखा रहे हैं, जिसमें घड़ी लगी हुई है। इनके राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कल कहा कि कोर्ट में कुछ नहीं होगा, हम घड़ी के निशान पर लड़ेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमने अजीत पवार गुट को चुनाव चिह्न का उपयोग करने की अनुमति कुछ शर्तों के अधीन दी है। 24 घंटे या अधिकतम 36 घंटे के भीतर अजीत पवार गुट समाचार पत्रों में डिस्क्लेमर प्रकाशित कराए। शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट के पिछले आदेश की रोज अवहेलना की जा रही है। अजीत गुट कहता रहता है कि शरद पवार हमारे भगवान हैं। यह बार-बार उल्लंघन हो रहा है। घड़ी के चिह्न के साथ शरद पवार का नाम भ्रम पैदा करता है। कोर्ट ने 24 अक्टूबर को एनसीपी अजित पवार को ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने से मना कर दिया था। कोर्ट ने अजित गुट से हलफनामा देने को कहा कि वह घड़ी चुनाव चिह्न के साथ ‘मामला न्यायालय में विचाराधीन’ का डिस्क्लेमर लगा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) /संजय
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