बिलासपुर, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में हवाई सेवा को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर आज मंगलवार को सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की बेंच में सुनवाई के दौरान बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन, 4C लाइसेंस और नाइट लैंडिंग के कार्य का स्टेटस पूछा गया।
वही कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से इस एयरपोर्ट को विकास करने के लिए ली गई जमीन के बारे में भी जानकारी ली। सरकार की तरफ से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इसको लेकर शपथ पत्र भी मंगलवार को दाखिल किया। वही एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से भी अधिवक्ता ने नाइट लैंडिंग में हो रही है देरी के बारे में अपना पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया बिलासपुर एयरपोर्ट के वकील ने बताया कि, नाइट लैंडिंग के जरूरी डीवीओआर मशीन का टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं भू राजनीति के कारणवश साउथ कोरिया से आने वाले उपकरण की जल्द से आपूर्ति से काम शुरू हो जाएगा। वहीं कोर्ट ने इसको लेकर शपथ पत्र में जवाब मांगा है। जिसे याचिकाकर्ता के वकील को भी उपलब्ध कराने कहा गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में मंगलवार को शपथ पत्र दाखिल किया गया।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा 4c लाइसेंस के तहत होने वाले काम का डीपीआर 8 हफ्तों में बना लिया जाएगा और क्रियान्वयन कर लिया जाएगा। वहीं कोर्ट ने 286.67 एकड़ जमीन को लेकर सवाल पूछे जिसपर याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने कहा ये जमीन जिला प्रशासन से सिविल एविएशन एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर को ट्रांसफर करना है। लेकिन अब तक नहीं हुआ। सरकार का पक्ष रखने वाले वकील ने बताया प्रक्रिया शुरू है। रक्षा मंत्रालय से जमीन की राशि को लेकर कुछ समस्या है। लेकिन इसका विकास में कोई रोड़ा नहीं आएगा। 27 सितंबर 2024 को पिछली सुनवाई में नाइट लैंडिंग को लेकर के स्टेटस मांगा गया था, जिस आदेश के परिपालन की जानकारी ली। वहीं अगली सुनवाई के लिए 20 नवंबर का समय निर्धारित किया है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi