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जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने पूर्व मंत्री सहित बाईस लोगों पर दर्ज किया मुकदमा

जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने पूर्व मंत्री सहित बाईस लोगों पर दर्ज किया मुकदमा

जयपुर, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जल जीवन मिशन में हुए घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री सहित बाईस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी का नाम भी शामिल है। वहीं बाईस लोगों में वित्तीय सलाहकार, चीफ इंजीनियर, एडिशनल चीफ इंजीनियर, सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स के नाम शामिल हैं। इस पूरे मामले में एसीबी के ईमेल आईडी से बड़ी लीड मिली। एक-एक आईडी की जांच करने पर सभी अधिकारियों के नामों का खुलासा हुआ। जो फर्जी सर्टिफिकेट पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार कर रहे थे।

जल जीवन मिशन के वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, तत्कालीन चीफ इंजीनियर राम करण मीणा और दिनेश गोयल के नाम भी शामिल हैं। इसके साथ एडिशनल चीफ इंजीनियर अरुण श्रीवास्तव, रमेश चंद मीणा, परितोष गुप्ता के नाम हैं। सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर निरिल कुमार, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स विशाल सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनके अलावा एफआईआर में फर्म मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवैल और श्री श्याम ट्यूबैवल कम्पनी शाहपुरा जयपुर के प्रोपराइटर महेश मित्तल, पदमचंद जैन, संजय बड़ाया, बिहार के मुकेश पाठक सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार बहरोड़ में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स मायाराम सैनी से पूछताछ से सामने आया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी ) में जल जीवन मिशन के कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है। श्री गणपति ट्यूबवैल कम्पनी प्रोपराइटर महेश मित्तल व फर्म मैसर्स श्री श्याम ट्यूबैवल कम्पनी के प्रोपराइटर पदमचंद जैन ने फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर विभाग के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर टेंडर लिए। टेंडर लेने में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया।

इन सभी फर्म मालिकों ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से टेंडर हासिल किया है। महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर टेंडर लिए। अधिकारियों ने इसे अनदेखा किया। अयोग्य फर्मों को टेंडर देकर लगातार भुगतान करते रहे।

जांच पूरी होने पर 18 जनवरी को 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसकी जांच एडिशनल एसपी एसीबी विशनाराम को दी गई। जांच के दौरान पुष्टि हुई कि भ्रष्टाचार और फर्जी बनाए गए सर्टिफिकेट की टेंडर लिए गए। इनमें मुकेश पाठक और पदमचंद जैन के साथ अधिकारी भी शामिल रहे।

गौरतलब है कि 7 अगस्त 2023 को एसीबी ने पीएचईडी इंजीनियर मायालाल सैनी, प्रदीप के साथ ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को पकड़ा था। दलाल प्रवीण कुमार भी गिरफ्तार हुआ था। एसीबी ने इनके पास से 2.90 लाख रुपए कैश जब्त किया था। सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री पहुंचे हुए थे। इन्हें चौमूं पुलिया के पास घेर कर पकड़ लिया। कार में बैठे बहरोड़ एईएन राकेश चौहान की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था। पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लगाए थे। दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन प्रथम व द्वितीय के इंजीनियरों से मिलीभगत कर 900 करोड़ के टेंडर लेने का आरोप है। सितम्बर-2023 में एसीबी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में श्याम ट्यूबवेल, गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी मामले की जांच कर रहा है। जल जीवन मिशन(जेजेएम) जल शक्ति मंत्रालय की सबसे बड़ी योजना है। इसमें 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन पानी उपलब्ध कराया जाना था। पांच वर्षों की अवधि (2020 से 2024 तक) के लिए अनुमानित बजट 3.6 लाख करोड़ रुपए था। इसमें केंद्र सरकार 2.8 करोड़ या 58 प्रतिशत खर्च करेगी बाकी अन्य राज्यों के बीच फंड शेयरिंग होगा। जल जीवन मिशन में जून 2023 तक राजस्थान पैसे खर्च करने के मामले में देश में दूसरे स्थान पर था। राजस्थान में प्रोजेक्ट के तहत 22 जिलों अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, चितौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनूं, जोधपुर, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही और उदयपुर के गांवों में नल कनेक्शन पहुंचाने का काम होना था।

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(Udaipur Kiran)

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