उज्जैन, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार शाम को बाबा महाकाल की कार्तिक मास की पहली सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान अवंतिकानाथ ने चांदी की पालकी में सवार होकर नगर का भ्रमण किया और अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी में भगवान महाकाल ने मनमहेश स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण-भाद्रपद माह की तरह महाकाल की कार्तिक-अगहन माह में भी सवारियां निकालने की परंपरा है। सोमवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर सोमवार शाम चार बजे मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल के मनमहेश स्वरूप का पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने किया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप मिश्रा, मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल और मंदिर के पुजारी-पुरोहित पूजन में शामिल हुए। विधिवत पूजन-अर्चन के बाद सभामडप से भगवान महाकाल की सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ रवाना हुई। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस जवानों ने राजाधिराज को सलामी दी। इसके बाद सवारी नगर की ओर बढ़ी।
सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शाम करीब छह बजे रामघाट पहुंची, जहां जीवनदयिनी मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक- पूजन किया गया। पूजन-अर्चन के पश्चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंची।
कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में निकाली जाने वाली महाकाल की सवारियों के क्रम में दूसरी सवारी 11 नवंबर, तीसरी सवारी 18 नवंबर और प्रमुख राजसी सवारी 25 नवंबर 2024 को निकाली जाएगी। हरिहर मिलन की सवारी रविवार 14 नवंबर को निकाली जाएगी। यह रात 12 बजे श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचेगी।
(Udaipur Kiran) तोमर