धमतरी, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) ।गंगरेल बांध डुब प्रभावित जनकल्याण समिति के पदाधिकारी व सदस्य चार नवंबर को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। जनदर्शन में ज्ञापन सौंपकर हाईकोर्ट के आदेशानुसार व्यवस्थापन की मांग की। मांगे पूरी नहीं होने पर 11 नवंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की चेतावनी दी है। समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश को धमतरी जिला प्रशासन नहीं मान रही है। अब उनके पास मुख्यमंत्री से शिकायत करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे समिति के अध्यक्ष आत्माराम ध्रुव, कार्यकारी अध्यक्ष हरिशंकर मरकाम, घनश्याम मरकाम,कृपा राम सिन्हा,सहदेव साहू, जयकुमार सेन,मूलक राम सिन्हा, कुंवर सिंग निषाद,प्रताप ध्रुव ने सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा है कि गंगरेल बांध को बने 45 साल हो गए। बांध के निर्माण में 52 गांव डूब में आए है। लोगों का जमीन व संपत्ति गंगरेल बांध के पानी डूब गया। बांध निर्माण के समय तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने डुबान प्रभावितों का उचित व्यवस्थापन करने का आश्वासन दिया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। डुबान प्रभावितों ने हाईकोर्ट में सालों तक अपने अधिकार की लड़ाई भी की। इस पर हाईकोर्ट ने डूबान प्रभावितों के पक्ष में चार साल पहले 16 दिसंबर 2020 को आदेश पारित भी कर दिया, लेकिन चार साल बाद भी डुबान प्रभावितों का व्यवस्थापन नहीं हो सका। जबकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश की प्रति मिलने के तीन महीने के भीतर समक्ष प्राधिकारी जांच प्रारंभ कर पात्र गंगरेल बांध डुब प्रभावितों को भूमि आबंटित करने का आदेश दिया था। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा