कोलकाता, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के बाद, पश्चिम बंगाल में 80 विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर एक नया मंच ‘अभया मंच’ का गठन किया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि इस मामले में आंदोलन को जारी रखा जा सके। डॉक्टर का शव नौ अगस्त की सुबह कॉलेज के सेमिनार हॉल में संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया था। कानून के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाती, इसलिए विरोध करने वाले डॉक्टरों ने पीड़िता का नाम ‘अभया’ रखा है।
इस नए मंच में राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से जुड़े जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि, नागरिक समाज के सदस्य, विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां और आम लोग शामिल हैं जो आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। वर्तमान में, जूनियर डॉक्टरों का संगठन, ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ (डब्ल्यूबीजेडीएफ) इस मामले में आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। हालांकि जूनियर डॉक्टरों के एक समूह द्वारा इस मामले में किए जा रहे भूख हड़ताल को समाप्त कर दिया गया है, फिर भी डब्ल्यूबीजेडीएफ ने अपनी मांगों के समर्थन में विरोध कार्यक्रम जारी रखने की घोषणा की है।
नए बने अभया मंच का नारा है “द्रोहेर आलो ज्वालो” (आंदोलन की मशाल जलाओ)। मंच का उद्देश्य है कि इस हत्या और बलात्कार मामले में आंदोलन को तब तक जारी रखना है, जब तक कि इसकी जांच कर रही सीबीआई जल्दी और ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती।
पिछले सप्ताह, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने राज्य में बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा कोर्स के लिए एक नई योजना ‘अभया प्लस’ शुरू करने की घोषणा की थी।
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल के स्वयं के विचार पर आधारित इस योजना की शुरुआत डॉक्टर के साथ हुई घटना के संदर्भ में की गई है। इसके पहले, राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस द्वारा मामले की शुरुआती जांच में कथित ढिलाई को लेकर नाराजगी भी जताई थी, जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर