Delhi

बस मार्शलों और सिविल डिफेंस कर्मियों की बहाली की मांग को लेकर भाजपा ने किया सीएम आवास का घेराव

भाजपा नेताओं का बस मार्सलो की बहाली की मांग पर आआपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली में बस मार्शलों और सिविल डिफेंस कर्मियों की बहाली की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में आज पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इस प्रदर्शन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा के अन्य नेता भी मौैजूद रहे।

इस अवसर पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज हम दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से एक सवाल पूछने आए हैं। उपराज्यपाल ने बस मार्शलों और सिविल डिफेंस कर्मियों को एक नवंबर से नियुक्त करने का निर्देश दिया है लेकिन आज चार तारीख हो गई है और आआपा सरकार उनकी बहाली नहीं कर रही है। इसलिए हमें मुख्यमंत्री आवास पर आना पड़ा।

सचदेवा ने कहा कि हमारे पास अरविंद केजरीवाल के जिस आदेश से बस मार्शलों को बर्खास्त किया गया, उसकी कॉपी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि केजरीवाल ने उन्हें क्यों हटाया?

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी से हमारी केवल एक मांग है कि उपराज्यपाल के आदेश के बाद सभी मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स की बहाली का आदेश दिया जाए।

सचदेवा ने कहा कि 10 हज़ार से ज़्यादा बस मार्शल्स एवं सिविल डिफेंस कर्मियों के घरों में इस बार दिवाली नहीं मनाई गई जबकि आतिशी मार्लेना अपने आकाओं के साथ दिवाली मना रही थीं। मैं आज उन्हें आईना दिखाने आया हूं। ये 10 हज़ार से ज़्यादा बस मार्शल्स एवं सिविल डिफेंस कर्मी केवल एक संख्या नहीं हैं, यह पूरा परिवार है, जिन्हें अक्टूबर 2023 में एक हस्ताक्षर से निकाल दिया गया ।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से ग्रेटर कैलाश के छठ घाट पर आम आदमी पार्टी (आआपा) नेता सौरभ भारद्वाज ‘गुंडागर्दी’ कर रहे हैं। यह सीधा – सीधा दिखाता है कि ये लोग पूर्वांचल विरोधी हैं ।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आआपा संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बस मार्शलों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया था ।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को बस मार्शलों की बहाली की मांग को लेकर के मुख्यमंत्री आतिशी के आवास का घेराव करने के लिए हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

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