लखनऊ, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को यहां लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में एफडीआई नीति में संशोधन, जलशक्ति, पशुपालन, आबकारी और उच्च शिक्षा समेत अन्य विभागों से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
कैबिनेट की बैठक के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, पशुपाल मंत्री धर्मपाल
सिंह और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी
दी।
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी-
मध्य गंगा
नहर परियोजना के द्वितीय चरण पुनरीक्षण प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। सरकार के इस
फैसले से संभल, अमरोहा और मुरादाबाद के 1850 ग्राम लाभान्वित होंगे।
ललितपुर
में भौरट बांध परियोजना के द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
केन बेतवा
लिंक परियोजना से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति। इससे बुंदेलखंड
के सूखाग्रस्त क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा।
पशुपालन विभाग का प्रस्ताव भी आया जिसे मंजूरी मिली है। प्रदेश में पशु
चिकित्सकों की कमी को पूरी करने के लिए पशुपालन पाठ्यक्रम के लिए डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स के लिए नीति तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
आबकारी
विभाग के तहत उत्तर प्रदेश शीरा नीति 2024-25 के प्रस्ताव को मंजूरी। एक नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 के शीरा वर्ष के लिए शीरा रिजर्वेशन को
मंजूरी मिली है। इसके तहत 19 फीसदी शीरा रिजर्वेशन को मिली स्वीकृति।
उत्तर प्रदेश
उच्चतर शिक्षा विभाग के लिए नियमावली उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी प्रदान की गयी है। इस फैसले
के तहत महाविद्यालय
में न्यूनतम तैनाती के 5 वर्ष को
घटाकर 3 वर्ष किया गया है।
उत्तर प्रदेश
निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को मंजूरी मिली
है। इस फैसले से अन्य
प्रदेशों के शिक्षण संस्थाओं को प्रदेश में स्थापित होने का अवसर मिलेगा।
लखनऊ में
अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर स्थापना के लिए तहसील सरोजिनी नगर में चकरौली परगना बिजनौर में 2.3239 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित कर उपलब्ध
करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी।
योगी कैबिनेट ने एफडीआई नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
उत्तर प्रदेश
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के अंतर्गत 300 करोड़ के
निवेश के प्रोत्साहन प्रस्ताव पास हुआ है।
सेवानिवृत्त
राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। कोई सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद यदि अपने किसी नॉमिनी, वारिस को नहीं छोड़ता तो उसकी ग्रेच्युटी का पैसा सरकार को समाहित होता था लेकिन अब नई नीति के तहत इसको बदलाव किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी है। अब यदि कोई व्यक्ति सक्षम न्यायालय से
इस प्रकार की परिस्थितियों में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे
यह पैसा दे दिया जाएगा।
जनपद
बागपत में अंतराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापना के लिए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1.069 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क
हस्तांतरण को मंजूरी मिली है।
प्रदेश के
हेरिटेज इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा डेवलप
करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला