कठुआ 03 नवंबर (Udaipur Kiran) । कठुआ जिला में रविवार को भैया दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना ईश्वर से की। इससे पहले बहनों ने अपने अपने घरों में भैया दूज पर होने वाली औपचारिक पूजा अर्चना भी की। भाई-बहन के अटूट प्रेम का नजारा आज कठुआ जिला में देखने को मिला। इस पर्व पर शहर में हर्षोल्लास का माहौल रहा।
भैया दूज का त्यौहार जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने अपने भाई का तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना की। बहनों ने भाई की आरती कर उसका मुंह मीठा करवाया। भाई ने भी इसके बदले में अपनी बहन को उपहार के रूप में पैसे और गिफ्ट भेंट किए। जिला कठुआ के कठुआ शहर, हीरानगर, बनी, बसोहली और बिलावर क्षेत्र में भाई बहन का प्रेम का प्रतीक भैया दूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने अपने भाई का तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना की, जो बहनें अपने भाइयों के पास नहीं पहुंची उनके भाई अपने बहनों के ससुराल में जाकर बहनों से तिलक लगवाया। इस त्यौहार को मनाने के लिए सुबह से ही बाजारों में बहनों की चहल-पहल रही। पंडित अशोक ने बताया कि सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की दो संतान थी, यमराज और यमुना। उन दोनों में बहुत प्रेम था बहन यमुना हमेशा चाहती थी कि यमराज उसके घर भोजन करके जाए, लेकिन भाई यमराज अक्सर उनकी विनती को टाल देते थे। एक बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर दोपहर में यमराज यमुना के घर पहुंचे, जमुना अपने घर के दरवाजे पर भाई को देखकर बहुत खुश हुई। इसके बाद यमुना ने यमराज को प्रेम पूर्वक भोजन करवाया, बहन का प्रेम देकर यमदेव ने उसे वरदान मांगने को कहा, उस पर बहन यमुना ने यमराज से बचन मांगा कि हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर भोजन करने आए साथ ही मेरी तरह जो बहने एक दिन अपने भाई का आदर सत्कार के साथ तिलक करें उसमें यमराज का भय ना हो। उस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया। तब से भैया दूज की परंपरा चली आ रही है।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया