Uttar Pradesh

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन पर अन्नकूट महोत्सव में पुरानी परंपरा खंडित करने का आरोप

बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर श्रृंगार का दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़
श्री काशी विश्वनाथ की पंचबदन चल रजत प्रतिमा

—दीक्षित मंत्रों से मंदिर के पूर्व महंत-आवास पर सांकेतिक परंपरा का निर्वाह किया गया

वाराणसी,02 नवम्बर (Udaipur Kiran) । श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन पर मंदिर के पूर्व महंत स्मृतिशेष डॉ कुलपति तिवारी के परिजनों ने अन्नकूट महोत्सव में सैकड़ों साल पुरानी परम्परा को खंडित करने का आरोप लगाया है। शनिवार को महंत परिवार के सदस्यों ने बताया कि टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से परंपरानुसार अन्नकूट महोत्सव में बाबा विश्वनाथ की पंचबदन चल रजत प्रतिमा आवास से बाहर न जा सके इसके लिए प्रशासन ने सुबह से ही पुलिस फोर्स तैनात कर दी। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर अन्नकूट महोत्सव पर जहां भक्तों की भारी भीड़ हुआ करती थी । वहॉ पुलिस फोर्स देखकर दर्शन के लिए आए भक्तों ने खुद को असहज महसूस किया। परिजनों के अनुसार

काशी विश्वनाथ मंदिर में दीपावली के उपरांत अन्नकूट महोत्सव के अवसर पर परंपरा के अनुसार टेढ़ीनीम महंत आवास से बाबा की चल पंचबदन रजत प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाता है। इसके बाद 56 भोग अर्पित किया जाता रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के तिरोधान के बाद शिव पार्वती एवं प्रथमेश गणेश जी का पारंपरिक रूप से श्रृंगार एवं पूजन किया गया। महंत आवास पर बाबा के इस स्वरूप का दर्शन करने आने वाले भक्तों को भी पुलिस ने महंत आवास तक जाने नहीं दिया। पुलिस अफसरों ने भक्तों को यह कह कर लौटा दिया कि महंत आवास पर कोई आयोजन नहीं हो रहा है। सारे आयोजन काशी विश्वनाथ मंदिर में ही किए जा रहे हैं। महंत परिवार ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। महंत परिवार के सदस्यों का कहना है कि परिवार के आपसी विवाद को आधार बनाकर जो कार्रवाही जिला प्रशासन और विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन ने की है। वह सीधे-सीधे काशी की लोक परंपरा के साथ खिलवाड़ है। मंहत परिवार के पंडित वाचस्पति तिवारी ने कहा कि जिस मुकदमे को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है वह मुकदमा मंदिर प्रशासन की देन है। यदि ऐसा ही था तो पहले ही परंपरा क्यों नहीं रोक दी गई। वास्तविकता यह है कि काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन, काशी की जनता से जुड़ी सभी परंपराओं पर अपना आधिपत्य जमाना चाहता है और इसी आधिपत्य को बनाए बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि परंपराओं को खड़ित किये जाने के विरोध में टेढ़ीनीम स्थित मंहत आवास पर ही बाबा की चल पंचबदन प्रतिमा का श्रृंगार कर दीक्षित मंत्रों से पूजन कर सांकेतिक रूप से अन्नकूट का भोग लगाकर परंपरा का निर्वाह किया गया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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