सोनीपत, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । गन्नौर
के बड़ी औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 के पास में खुले में कूड़ा डालकर उसमें आग लगाने से
प्रदूषण बढ़ रहा है। कूड़े के ढेर से उठते धुएं के कारण स्थानीय लोगों को सांस लेने
में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन के आदशों की उड़ी धज्जियां उड़ाई लेकिन
प्रदूषण विभाग और एचएसआईआईडीसी के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
औद्योगिक
क्षेत्र में खाली जमीन और ग्रीन बेल्ट में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। इनका सही
निस्तारण करवाने के बजाय उन्हें जला दिया जाता है, जिससे वायुमंडल में धुआं और हानिकारक
गैसें फैलती हैं। यह ग्रेप नियमों का उल्लंघन है, जिसमें प्रदूषण फैलाने पर सख्त मनाही
है।
बड़ी
औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 650 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनसे निकलने वाले कूड़े के निस्तारण
के लिए एचएसआईआईडीसी ने एक डंपिंग जोन बना रखा है। यह डंपिंग जोन लगभग एक एकड़ भूमि
पर है, जहां फैक्ट्रियों से निकलने वाले कूड़े को नियमानुसार डंप किया जाना चाहिए।
लेकिन कई फैक्ट्री संचालक खुले में कूड़ा फेंकते और उसमें आग लगाते हैं। आज तक किसी
भी कर्मी या संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
एमएसएमई
औद्योगिक एसोसिएशन के प्रधान नवीन कौशिक ने अधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले में
ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि डंपिंग जोन में कूड़े के निस्तारण
का खर्च वहन करने के लिए भी वह तैयार हैं, ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।
(Udaipur Kiran) परवाना