वाराणसी,02 नवम्बर (Udaipur Kiran) । श्री काशी विश्वनाथ की नगरी में ज्योतिपर्व के दूसरे दिन शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ दरबार,माता अन्नपूर्णा मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में उल्लासपूर्ण माहौल में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। स्वर्णमयी अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में 511 क्विंटल 56 भोग माता रानी को लगाया गया।
महंत शंकरपुरी महाराज ने विधि विधान से माता की आरती उतारी। मां अन्नपूर्णा के गर्भ गृह में लड्डूयों से मंदिर बनाया गया। मध्यान भोग आरती के बाद मंदिर में आये हुए भक्तों में इस प्रसाद को वितरित किया गया। मंदिर में रात 11 बजे स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा की आरती कर माता के स्वर्णमयी विग्रह के कपाट अगले वर्ष धनतेरस तक के लिए मान्यता के अनुरूप बंद कर दिए जायंगे। मंदिर में सिर्फ पुजारी और महंत ही नियमित भोग आरती करेंगे। आम श्रद्धालुओं को माता रानी के स्वर्णमयी विग्रह का एक साल बाद धनतेरस पर्व पर ही दर्शन मिलेगा। मंदिर के अन्नकूट महोत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचने लगे। महंत शंकरपुरी ने बताया कि पांच दिवसीय स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन के बाद अन्नकूट पर्व पर अपराह्न में भोग आरती के बाद प्रसाद पाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
गौरतलब हो कि इस बार माता अन्नपूर्णा के अन्नकूट महोत्सव में चढ़ने वाले भोग प्रसाद को केरल से आए इलायची और नेपाल से आए विशेष मसाले से तैयार किया गया। इसे वहां के श्रद्धालुओं ने मंदिर में भेजा था। मंदिर में 105 कारीगर दिन और रात अन्नकूट महोत्सव का 56 भोग प्रसाद तैयार करने में लगे थे। अन्नकूट पर कच्चा और पक्का मिलाकर इस बार 511 क्विंटल भोग तैयार किया गया था।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी