भाेपाल, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में शनिवार को गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे है। प्रदेश के सभी संभाग, जिले, तहसील व गांवों में गौशालाओं में गोवर्धन पूजा के लिए शासकीय कायक्रमों का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री डाॅ माेहन यादव खुद भोपाल एवं ग्वालियर में गोवर्धन पूजन करेंगे और संस्कृति विरासत और गौ संवर्धन के संदेश देंगे। इस बीच सरकार के इस आयाेजन पर विपक्ष ने निशाना साधा है। मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्हें पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सड़कों पर घूम रही गायों की रक्षा की मांग की है।
जीतू पटवारी ने अपने पत्र में लिखा कि आज गोवर्धन पूजा का शुभ-पावन प्रसंग है। पशुपालक अपने गोधन का श्रृंगार कर, पूजन और वंदन कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेशभर में ऐसे भी हजारों गोवंश हैं, जिन्हें सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया गया है। इन्हें न तो चारा नसीब हो रहा है, न रहने के लिए गोशाला। क्या गाय के नाम पर चुनाव में वोट बंटोरने वाले भाजपा नेताओं को इन गोवंश की फिक्र नहीं है? गोवर्धन पूजा के पवित्र अवसर पर ही आज ही पब्लिक डोमेन में एक मीडिया रिपोर्ट आई है, जिसमें यह प्रामाणिक रूप से बताया गया है कि आपके उज्जैन जिले में गोवंश सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं। उज्जैन-आगर रोड पर चार स्थानों पर जैसे सड़क ही गोशाला बन गई है। यह गोवंश कब से यहां हैं? इनके मालिक कौन हैं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
नेशनल हाइवे पर गाैवंशाें का डेरा
जीतू पटवारी ने पत्र में लिखा कि इस समस्या की जमीनी पड़ताल के लिए नेशनल हाईवे 552 पर सफर भी किया गया! घट्टिया के नए बस स्टैंड पर शाम 5.15 बजे एक तरफ बसों में सवारी चढ़ती-उतरती दिखाई दी तो दूसरी तरफ 130 से ज्यादा गोवंश बेतरतीब बैठे मिले। इसके बाद शाम करीब 5.35 बजे घौंसला के आगर-महिदपुर को जोड़ने वाले रास्ते पर करीब 120 गोवंश डिवाइडर की तरह बैठे नजर आए। शाम 5.50 पालखेड़ी में गोवंश डिवाइडर की तरह बैठा दिखाई दिया! यहां से लौटते समय शाम छह बजे करीब निपानिया गोयल में गोवंश मुख्य मार्ग पर नजर आया। चूंकि, यह आपके गृह जिले और उसके आसपास के इलाकों के हालात हैं, इसीलिए मैं इनका विशेष तौर पर उल्लेख कर रहा हूं! साथ यह भी बताना चाहता हूं की कमोबेश ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश के कई जिलों में है! मध्य प्रदेश में सड़कों और कृषि क्षेत्रों में गोवंश के बढ़ते बेसहारा पशुओं से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। राज्य में लगभग 8.5 लाख आवारा मवेशी हैं, जो दुर्घटनाओं और यातायात जाम की मुख्य वजह बन रहे हैं। इसके चलते हाल ही में जबलपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सड़कों पर आवारा गोवंश से संबंधित दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है, क्योंकि इन घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है और यातायात बाधित हो रहा है। सड़क पर गोवंशों के खड़े रहने के कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। इनमें वाहन चालक और गोवंशों की मौत भी हो चुकी है।
पीसीसी चीफ पटवारी ने आगे कहा कि मोहन भैया, कृषि पर भी इसका बुरा प्रभाव है। किसान का कहना है कि गोवंश उनके खेतों में घुसकर फसल नष्ट कर देते हैं, जिससे लगभग 30-40% फसल का नुकसान होता है। कई किसान अब रबी की जगह केवल एक ही फसल उगाने का निर्णय ले रहे हैं और रातभर खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं। राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए लापरवाह बनी हुई है! आपसे आग्रह है कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक और ठोस उपाय तत्काल करें।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे