दुमका, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जामा प्रखंड के माहरो चौक स्थित भाजपा कार्यकर्ता अशोक मंडल के आवास पर जामा विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान को झारखंड मुक्ति मोर्चा, जेकेएलएम एवं राजद के दर्जनों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए सभी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मरांडी ने माला पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सदस्यता ग्रहण करने वाले में राजद आदिवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बाबूराम हांसदा, जिलाध्यक्ष अजजा अनूपलाल मरांडी, कार्यकर्ता अकाश मरांडी, सोमलाल मुर्मू, राजू मुर्मू, शिवधन मुर्मू, मनीष मरांडी शामिल थे। वहीं झामुमो से भाजपा मे शामिल हुए इसहाक मुर्मू, संजय मुर्मू, हरिकृष्ण मांझी, राजकुमार मांझी, सीताराम मुर्मू, सरदेश मांझी, राजमहल राउत, अजीत कुमार, मंगल मुर्मू, कदरू टुडू, बिरेन्द्र थनदार आदि शामिल थे। वहीं जेकेएलएम के राजेन्द्र मुर्मू, लुखीराम हेम्ब्रम, दिलीप बास्की, मुकेश मुर्मू, रूबीलाल टुडू, राघोन मुर्मू, बिनोद बिस्की, लक्ष्मण मुर्मू, रंजीत हेम्ब्रम, कुलदीप मुर्मू, किशन मुर्मू आदि ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है। हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने और घुसपैठ रोकने के लिए एनआरसी लागू करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में झामुमो-कांग्रेस के संरक्षण में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देकर उनके अवैध दस्तावेज तैयार किये जा रहे हैं, जो राज्य के लिए गंभीर खतरे के संकेत हैं। बाबूलाल मरांडी ने आदिवासियों की घटती आबादी को लेकर चिंता जतायी। उन्होंने 1951 के जनगणना के आंकड़ों को पेश करते हुए आदिवासियों की घटती आबादी को लेकर चिंता जताई। कहा कि राज्य में जनजातीय आबादी 36 फीसदी थी। वर्तमान में जो 2011 की जनगणना में घटकर 26 फीसदी रह गयी है. वहीं मुसलमानों की आबादी 9 फीसदी से बढ़कर लगभग 14.5 फीसदी तक जा पहुंची है. कहा कि राज्य में आज हिंदुओं की आबादी भी लगभग 7 फीसदी घटकर 88 फीसदी से 81.फीसदी पर पहुंच गयी है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संथाल के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा समेत 6 जिलों से 16 फीसदी जनजातीय समुदाय की आबादी कम हुई है। वहीं मुस्लिमों की आबादी में 13.फीसदी की वृद्धि हुई है। साहिबगंज और पाकुड़ में तो मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा 35 फीसदी बढ़ी।
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(Udaipur Kiran) / नीरज कुमार