नई दिल्ली, 01 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस को अब यह एहसास हो रहा है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल या असंभव है।
यह हमला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पार्टी के राज्य प्रमुखों को केवल वही वादे करने की सलाह के बाद आया है जो वित्तीय रूप से संभव हों। खरगे ने कथित तौर पर यह टिप्पणी उन खबरों के बीच की है, जिनमें कहा गया है कि कांग्रेस शासित राज्यों को चुनाव पूर्व की कुछ घोषणाओं को पूरा करने में वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अपने एक्स हैंडल पर हैशटैग #Fake Promises Of Congress का उपयोग करते हुए कई पोस्टों में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि भारत के लोग विकास और प्रगति चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस पार्टी को यह बात समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल या नामुमकिन है। वे लगातार प्रचार अभियान चलाकर लोगों से वादे करते रहते हैं, लेकिन उन्हें पता है कि वे कभी उन्हें पूरा नहीं कर पाएंगे। अब, वे लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।”
उन्होंने कहा कि देश की जनता को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित झूठे वादों की संस्कृति से सावधान रहना होगा। हमने हाल ही में देखा कि कैसे हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को नकार दिया और एक ऐसी सरकार को प्राथमिकता दी जो स्थिर, प्रगिताेन्मुख और कार्योन्मुख है। पूरे भारत में यह अहसास बढ़ रहा है कि कांग्रेस को वोट देना अशासन, खराब अर्थव्यवस्था और बेशुमार लूट के लिए वोट देना है। भारत के लोग विकास और प्रगति चाहते हैं, न कि कांग्रेस के वही पुराने झूठे वादे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी विकास के काम करने की बजाय पार्टी की अंदरूनी राजनीति और लूट में व्यस्त है। इतना ही नहीं, वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता। तेलंगाना में किसान अपने वादे के मुताबिक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्होंने कुछ भत्ते देने का वादा किया था, जो पांच साल तक लागू नहीं हुए। कांग्रेस किस तरह काम करती है, इसके कई उदाहरण हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार