श्रीनगर, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को छठे केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अन्य नेताओं की आलोचना की।
अपने बयान में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यूटी दिवस मनाने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर की केंद्र शासित प्रदेश के रूप में वर्तमान स्थिति एक वास्तविकता है। गृह मंत्री ने संसद में कहा था कि पहले परिसीमन होगा फिर चुनाव होंगे और उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा। जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर के यूटी होने पर संविधान की शपथ ली थी वे आज इससे दूर रहे। यह चरित्र का दोहरापन है। वास्तविकता यह है कि यह एक यूटी है। उन्होंने कहा कि जिस दिन जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाया जाएगा, हम उसका भी जश्न मनाएंगे ।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता यूटी दिवस के विरोध में मुखर रहे हैं और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस करने का आह्वान कर रहे हैं। एनसी विधायक तनवीर सादिक ने पहले कहा था कि एनसी यूटी दिवस नहीं मनाएगी क्योंकि पार्टी जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देती है। उनका दावा है कि 2019 में इसका दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों से छीन लिया गया था और यह असंवैधानिक था। जेकेएनसी प्रवक्ता ने दोहराया कि हम केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे से कभी संतुष्ट नहीं होंगे। हमारी मांग दृढ़ है, पूर्ण राज्य का दर्जा और 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला उचित दर्जा।
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत केंद्र शासित प्रदेश के निर्माण का प्रतीक है। इस साल भी पिछले साल की ही तरह इसे जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में मनाया गया। इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस से पहले कश्मीर संभाग के सभी जिलों में सुरक्षा स्थिति और विकास पहलुओं पर चर्चा के लिए एक समीक्षा बैठक की थी। बैठक श्रीनगर में हुई और इसमें मुख्य सचिव अटल डुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, गृह विभाग के प्रमुख सचिव चंद्रकेर भारती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह