जींद, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
जिले भर में गुरूवार को दीपवाली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। दिन में लोगों ने बाजारों में जमकर खरीददारी की और को दोस्तों व रिश्तेदारों के घरों में मिठाइयां भेज कर दीपावाली की बधाई दी व आतिशबाजी की।
बाजारों में उमड़ी लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। दीपावली पर्व पर गुरूवार सुबह से ही लोग बाजार पहुंचना शुरू हो गए। पूरे दिन बाजारों में गहमा गहमी रही।
दुकानदारों ने भी ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए सेल लगाई हुई थी। शहर के पंजाबी बाजार, झांझ गेट, फव्वारा चौक, सर्राफा मार्केट, कैंडी मार्केट, रानी तालाब पर पूरा दिन मेले जैसा माहौल रहा। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे बाजार में लोगों की संख्या भी बढ़ती गई। बुधवार रात को लोगों ने अपने घरों व दुकानों के बाहर दीप जला कर दीपावाली का त्यौहार मनाया।
लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां देकर दीवाली की मुबारकबाद दी। वहीं रोक के बावजूद जिलाभर में लोगों ने देर रात तक आतिशाबाजी की। पटाखों की आवाज दूर-दर तक सुनाई दे रही थी। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा आतिशबाजी बिक्री पर रोक लगाई हुई थी, बावजूद इसके पटाखों की जमकर बिक्री हुई।
देर रात तक लोग आतिशबाजी करते रहे। उधर, दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए गोले समेत गन्ने, केले के पत्तों और सीरस के पत्तों की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए शहर में जगह-जगह यह सामान बेचने के लिए स्टॉल लगी हुई थी। किसान अपने खेतों से गन्ना टै्रक्टर ट्राली में लेकर देवीलाल चौंक व शहर में जगह-जगह पहुंचे थे और यह गन्ना हाथों-हाथ बिका। इसी तरह केले, आम और सीरस के पत्ते भी लक्ष्मी पूजन के लिए खूब बिके।
दीपावली पर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हो, इसके लिए जींद के पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए थे।
पुलिस टीम रात भर गश्त करती रही। वहीं इस बार मकानों पर चायनीज लडिय़ों की चमक की जगह दीयों की जग-मग दिखाई दे रही थी। आतिशबाजी भी पिछली साल की अपेक्षा कम दिखाई दी। घरों पर लोगों ने दीये लगाने के साथ-साथ मोमबत्तियां भी जलाई।
वहीं बाजारों में भी इस बार फिल्म पोस्टरों की बिक्री की बजाए लक्ष्मी तथा गणेश, बच्चों व सीनरी के पोस्टरों की बिक्री अधिक हुई। पोस्टर विक्रेता सोनू ने बताया कि देवी-देवताओं के पोस्टरों की मांग इस बार पिछली बार से अधिक रही। मिठाइयों की खरीद की अपेक्षा लोगों का रूझान देशी घी की जलेबी की खरीद पर रहा।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा