जम्मू, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। भाई दूज पर्व के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्यौहार है।
हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार भाई दूज का होता है भाई दूज को भाऊ बीज,टिक्का,यम द्वितीय और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। अगर इस दिन कोई भाई अपने बहन के हाथों से खाना खाए तो भाई की आयु लंबी होती है। इस वर्ष 2024 ई. को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 02 नवम्बर शनिवार रात्रि 08 बजकर 22 मिनट से शरू होगी और अगले दिन यानी 03 नवम्बर रविवार को रात्रि 10 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 नवम्बर रविवार को होने के कारण 03 नवम्बर रविवार को ही भाई दूज का पर्व को करना उत्तम होगा। भैया दूज टीका लगाने का शुभ मुहूर्त 03 नवम्बर रविवार को पूरा दिन शुभ है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा