जयपुर, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान में सरकारी स्कूलों की उन किताबों को वापस मंगवा लिया गया है, जिसमें 2002 में गुजरात के गोधरा कांड का जिक्र किया गया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त स्कूली बच्चों की किताबों में हत्यारों का महिमा-मंडन किया गया है। ऐसे में इस तरह की विवादित किताबों को फिर से मंगाया जाएगा ताकि बच्चे गलत शिक्षा हासिल ना करें।
दरअसल, राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वितरित की जा चुकी चार किताबों को वापस मंगवाने के आदेश जारी किए हैं। ‘अदृश्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानी’ में ‘9 लंबे साल’ नामक अध्याय में गोधरा कांड में ट्रेन में लगी आग को आतंकी साजिश बताया गया है। इसको लेकर अब भाजपा सरकार ने पूर्व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शिक्षा मंत्री का कहना है कि जब इन किताबों को पढ़ा गया तो पता चला कि गोधरा में जो हुआ था, उसकी नेगेटिव जानकारी दी गई। किताबों में अपराधी को अच्छा बताया गया है। किताबों में गोधरा कांड के हत्यारों के महिमा मंडन का प्रयास किया गया है, जो सही नहीं है। ऐसे में विवादित किताब को वापस मंगा लिया गया है। अब बच्चे विवादित मुद्दों को नहीं पढ़ेंगे। जिस किताब को वापस लिया गया है, वह सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मन्दर ने लिखी है। वे मप्र-छत्तीसगढ़ कैडर के पूर्व आईएएस हैं। दो जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं। गुजरात दंगों के बाद से ही उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़कर एनजीओ में काम करना शुरू किया था। पिछले साल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। उन पर विदेशों से चंदा लेने के मामले में कानून का उल्लंघन करने का आरोप था। मन्दर 25 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जिला शिक्षा अधिकारियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई जा रही ‘जीवन की बहार’, ‘चिट्टी एक कुत्ता और उसका जंगल फॉर्म’ और कक्षा 11वीं, 12वीं में पढ़ाई जा रही ‘अदृश्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानी’ और ‘जीवन की बहार’ की सभी कॉपियों को वापस मंगवाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, इन किताबों को वापस मंगवाने के पीछे विभाग ने तकनीकी कारणों का हवाला दिया है।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित