पांच पार्षदों की एंट्री पर पांबदी के चलते फैसला नहीं आने पर उपायुक्त ने वोटिंग टाली
जिला विकास भवन में आयोजित बैठक में शामिल हुए दस षार्षद प्रतिनिधि
राजनीतिक षडयंत्र के तहत वोटिंग टालने के लगाए आरोप, पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के किए गए पुख्ता प्रबंध
रोहतक, , 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ बुधवार को दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विकास सदन में हुई बैठक बेनतीजा रही, क्योकि पांच पार्षदों की एंट्री पर पांबदी के चलते कोई फैसला नहीं आने पर उपायुक्त अजय कुमार ने वोटिंग टाल दी। डिबार किए गए पांच पार्षदों के मामले को लेकर अब छह नंवबर को पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट में सुनवाई होगी। बताया जा रहा है कि अब डिबार किए गए पार्षदों पर फैसला आने के बाद ही आगे अप्रस्ताव को लेकर बैठक बुलाई जाएगी। साथ ही पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरपर्सन को डीबार करने का कोई अधिकार नहीं है और राजनीतिक षडयंत्र के तहत बार बार अप्रस्ताव को लेकर वोटिंग टाली जा रही है, जिसके विरोध में अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे। बैठक को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। जिला विकास भवन के मुख्यद्वार पर प्रत्येक व्यक्ति की गहन चैकिग के बाद ही अंदर प्रवेश करवाया जा रहा था। दरअसल 23 अक्टूबर को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुई पार्षदों की पहली बैठक के बाद पुलिस को चार गाडियों से हथियार बरामद हुए थे और इसी को लेकर अब दूसरी बार हुई पार्षदों की बैठक में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना हो, इसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। चेयरपर्सन के खिलाफ अप्रस्ताव को लेकर हुई बैठक में वाइस चेयरमैन अनिल हुड्डा, अमित रांगी, पूजा रानी, मांगेराम, सीमा, सतपाल हुड्डा, धीरज मलिक, नीलम, दीपिका व सोनू पिलाना प्रमुख रूप से मौजूद रहे। पार्षदों ने एकजुटता दिखाते हुए चेयरपर्सन मंजू हुड्डा पर विकास कार्यो में भेदभाव के आरोप लगाए और कहा कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत जिला प्रशासन द्वारा बार बार वोटिंग टाली जा रही है, लेकिन सभी पार्षद पूरी तरह से एकजुट है।
चेयरपर्सन ने इन पार्षदों को किया हुआ है डी-बार
जिला परिषद कीे चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव की मांग करने वाले दस में से पांच पार्षदों को डिबार कर दिया था। पार्षदों पर मीटिंग में हंगामा व बदतमीजी करने के आरोप था। डिबार होने वालो में अनिल हुड्डा, धीरज, अमित रांगी, सोनू व दीपका शामिल है, जबकि डिबार पार्षदों का कहना है कि चेयरपर्सन को डिबार करने का कोई अधिकार नहीं है। बताया जा रहा है कि डिबार किए गए पार्षदों के मामले को लेकर छह नंवबर को पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट में सुनवाई होगी।
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(Udaipur Kiran) / अनिल