कैथल, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कर्मबीर कौल को सर्वसम्मति से कैथल जिला परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया है। बुधवार को हुई चुनावी बैठक में सभी पार्षदों ने उनके नाम पर सहमति जताई है। वे अभी तक जिला परिषद के वाइस चेयरमैन थे। वाइस चेयरमैन का चुनाव लगभग 20 दिन बाद किया जाएगा। चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक में बुधवार काे 21 में से 19 पार्षदों ने हिस्सा लिया था। प्रशासन द्वारा केवल 20 पार्षदों को नोटिस भेजे गए थे। वार्ड नंबर 11 के पार्षद विक्रमजीत कश्यप को निलंबन के चलते वोट डालने का अधिकार नहीं दिया गया था। इसके साथ डिप्टी सीईओ रितू लाठर, पुंडरी विधायक सतपाल जांबा, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर और जिला अध्यक्ष मुनीष कठवाड़ भी पहुंचे थे।
बैठक में पूर्व चेयरमैन दीप मलिक नहीं पहुंचे हैं। इससे पहले जेजेपी समर्थित दीप मलिक कैथल जिला परिषद के चेयरमैन थे, जिसको अविश्वास प्रस्ताव लाकर पद से हटाया जा चुका है। नए चेयरमैन की दौड़ में कर्मबीर कौल का नाम सबसे आगे था। दीप मलिक के खिलाफ हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ने ही किया था। जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन बनाने को लेकर भाजपा व जजपा दोनों ही पार्टियों में खूब खिंचतान हुई थी। दोनों ही पार्टी अपना चेयरमैन बनाने के लिए जोर लगा रही थी, लेकिन बाजी जजपा के हाथ लगी। जजपा के सहयोग से दीप मलिक चेयरमैन तो बने, लेकिन पहली मीटिंग से उनके सामने अड़चनें शुरू हो गई थी। हाउस की पहली ही मीटिंग में चेयरमैन से ग्रांट बांटने की पावर छीन गई।
जनवरी 2023 में जिला परिषद चेयरमैन चुने गए दीप मलिक की 14 अक्टूबर को कुर्सी छीन गई थी। उनके खिलाफ पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। 19 जुलाई को हुई वोटिंग में 17 पार्षदों ने हिस्सा लिया था। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 12 जुलाई को 15 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र सौंप थे। जिसके बाद प्रशासन ने 19 जुलाई को मीटिंग बुलाई थी। दीप मलिक मलिक प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए। आरोप लगाया था कि मीटिंग बुलाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने तय दिन पर वोटिंग करवाने के आदेश दिए, लेकिन अंतिम फैसला आने तक रिजल्ट घोषित करने पर स्टे लगा दिया था।
19 जुलाई को 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की। जिसमें चेयरमैन दीप मलिक नहीं पहुंचे थे। अगस्त में हाई कोर्ट ने फैसला प्रशासन के पक्ष में दिया, लेकिन आचार संहिता की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हो सका। 14 अक्टूबर को डीसी की अध्यक्षता में वोटों की गिनती हुई। 17 पार्षदों के वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मिलने पर दीपक मलिक की कुर्सी गई थी।
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(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज