Uttar Pradesh

धनतेरस पर्व पर बाजारों में धन की बरसात, वाराणसी में महंगाई ने दम तोड़ा

बाजारों में उमड़ी भीड़: फोटो बच्चा गुप्ता
बाजारों में उमड़ी भीड़: फोटो बच्चा गुप्ता
बाजारों में उमड़ी भीड़: फोटो बच्चा गुप्ता

—एक दिन में चार हजार से अधिक चार और दो पहिया वाहन की बिक्री

—किश्त और ब्याज मुक्त फाइनेंस योजनाओं के मुकाबले ग्राहकों ने नकदी भुगतान पर दिया जोर

वाराणसी, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में धनतेरस पर्व पर मंगलवार को बाजारों में धन की जमकर बरसात हुई। बाजार ने दीपोत्सव पर्व के पहले दिन अनुमानित 10 अरब से अधिक रूपये बटोर लिए। रिकार्डतोड़ मांग और बिक्री के चलते महंगाई भी हांफती नजर आई। बाजार के हर सेक्टर में महालक्ष्मी की कृपा से बाजार ने दिवाली मनाई। बाजार में पूर्वांह से देर शाम तक खरीददारी का दौर चला। किश्तों और ब्याज मुक्त फाइनेंस योजनाओं के मुकाबले ग्राहकों ने नकदी भुगतान पर खासा जोर दिया। इससे आटोमोबाइल, सोने-चांदी, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक, बर्तन, रेडीमेड, रियल एस्टेट कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिलखिला उठे। व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों का आकलन है कि धनतेरस के दिन 10 अरब से अधिक का कारोबार हुआ है। एक पखवारे पूर्व से लेकर आज तक के कारोबार का आंकलन किया जाए तो करीब 35 अरब से अधिक का व्यापार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पर्व पर चार हजार से अधिक चारपहिया और दोपहिया नये वाहन शोरूम से सड़कों पर उतरे। सराफा बाजार भी बम-बम रहा। संभावना जताई गई कि एक दिन में 100 किलो से अधिक सोने की बिक्री हुई है। बाजार में उमड़ी खरीदारों की भीड़ सीधा संकेत दे रही थी देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से पटरी पर तेज गति से चलने लगी है। जिन लोगों के खरीदारी की क्षमता पांच से दस हजार की रही उन्होंने भी चांदी का सिक्का, थाली, गिलास, कटोरी, चम्मच और सोने-हीरे की अंगूठी खरीदी। नव सम्पन्न वर्ग ने मनपसंद आइटमों की खरीदारी में जेब का ध्यान नहीं रखा। बनारस में रिटेलरों ने उम्मीद से अधिक कारोबार किया। बाजार पर पकड़ रखने वाले व्यापारी नेता संजय पांडेय की माने तो इस बार गिफ्ट आइटमों में सोने के अलावा चांदी के नोटों, सिक्कों और मूर्तियों की मांग अधिक रही। ज्वेलर्स ने सुनहरे अवसर को भुना खूब चांदी काटी। शाम होते-होते कई ज्वेलर्स के यहां सोने का पांच, 10 एवं 20 ग्राम वाले सिक्कों का स्टॉक समाप्त हो चुका था। ब्रिटिश कालीन चांदी के असली सिक्के ढूढें नहीं मिल रहे थे। हीरा ने लोगों के दिलों में जगह बनाई। पिछले धनतेरस के सराफा कारोबार में 20 फीसदी की दखल रखने वाली डायमंड ज्वेलरी ने इस बार 30 फीसदी का आंकड़ा छुआ। माना जा रहा है कि धनतेरस के दिन 100 किलो से अधिक सोने की बिक्री हुई। लोगों ने निवेश की खातिर जमकर सोना खरीदाा। जबकि चांदी की बिक्री भी कम नहीं रही। इलेक्ट्रानिक्स मार्केट में कंपनियों की स्कीमों का लाभ उठाते हुए लोगों ने फ्रिज, वांशिंग मशीन, एलईडी, एलसीडी टीवी, माइक्रोवेव ओवेन, डेस्कटॉप, लैपटॉप, होम थियेटर, इंडक्शन चूल्हा आदि खरीदे। विभागों में आनलाइन टेंडरिंग, ई-रिटर्न आदि के चलते अबकी लैपटॉप और डेस्कटॉप की बिक्री में 40 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ। मोबाइल बाजार में भी बूम रहा। बर्तनों की दुकानों पर पीतल, तांबा के मुकाबले स्टेनलेस स्टील के आइटमों की पूछ अधिक रही। इंडक्शन बर्तन, क्राकरी आइटम भी ग्राहकों ने पसंद किये। गैस चूल्हा, कूकर, मिक्सी की खरीददारी हुई। घर की सुंदरता निखारने के लिए होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, आर्टिफिशियल मालाएं, झालर-झूमर की बिक्री भी जमकर हुई। पर्व पर एक पखवाड़े पूर्व से निकल रही मांग और बुकिंग को देखते हुए बेहतर बिक्री का अनुमान लगाकर कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान एवं गोदाम में स्टॉक मंगा लिया था। वाराणसी में विविध आइटमों की प्रमुख मंडियां और थोक बाजार होने के कारण पूर्वांचल व बिहार के समीपवर्ती जिलों के फुटकर कारोबारी भी सुबह के समय ही खरीदारी के लिए आ गए थे। फ्लैट और मकान की ख्वाहिश रखने वालों ने बहुमंजिली इमारतों में फ्लैट बुक कराएं या खरीदें। शेयर मार्केट में विभिन्न कमोडिटी एक्सचेंजों के स्थानीय टर्मिनलों पर सोने और जिंसों का जलवा दिखा। ब्रोकर्स और सब ब्रोकर्स की माने तो स्क्वायर अप नेचर की ट्रेडिंग में 250 करोड़ से अधिक का टर्नओवर हुआ। जबकि 125 करोड़ रुपये से अधिक की फ्यूचर ट्रेडिंग हुई। ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी रिकार्डतोड़ कारोबार किया। इसी तरह दुपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई। बैंक फाइनेंस के बजाय ग्राहकों ने नगद भुगतान में रुचि दिखाई। दोपहिया वाहन सेक्टर में एडवांस बुकिंग कराने वालों ने धनतेरस के दिन डिलीवरी ली। अकेले एक दिन में करीब 1000-1100 दोपहिया वाहन देर शाम होते-होते सड़कों पर दौड़ने लगे थे। जबकि करीब एक पखवारे में 2500 से अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई। धनतेरस के दिन 2600-2800 चार पहिया वाहन सड़क पर उतरे। हालात यह रहे कि अंतिम समय तक लोग मनपसंद वाहन ढूढ़ते नजर आए। इसके अलावा चार पहिया वाहनों में ई-रिक्शा, आटो, मालवाहन, ट्रैक्टर आदि की भी खरीदारी हुई।

—ड्राइवरों की रही चांदी

आटोमोबाइल सेक्टर में बूम के चलते ड्राइवरों की चांदी कटी। अधिकांश खरीदारी के दौरान वाहनों को घर तक पहुंचाने के लिए बाजार के ड्राइवरों का सहारा लिया गया। रमेश यादव नाम के चालक ने बताया कि एक वाहन को घर तक पहुंचाने में हजार रुपये आसानी से मिल गए। हालात यह रहे कि तमाम ड्राइवरों ने अपने मालिकों से अवकाश लेकर शोरूमों के संचालक के सम्पर्क में रहे।

—पूर्व पर मूर्तियों की जमकर बिक्री

पर्व पर धन की देवी लक्ष्मी व विघ्नहर्ता गणेश की मूर्तियां भी खूब बिकीं। बर्तन व मिष्ठान्न की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गई। मिट्टी की मूर्ति के साथ ही सोने-चांदी के लक्ष्मी-गणेश भी बिके। धनतेरस पर्व पर मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश, दिया, मोमबत्ती, चीनी की मिठाई की दुकानों पर खरीदारी हुई। लोगों ने पूजा करने के लिए भड़ेहर की जमकर खरीदारी की। खूशबूदार मोमबत्ती, दिया व रंगोली की भी काफी मांग थी। घर में सजाने के लिए आर्टिफिशियल रंगोली की लोगों ने खरीदारी की।

—झाड़ू की बिक्री खूब हुई

धनतेरस पर्व पर मान्यता और परम्परा का निर्वाह करते हुए लोगों ने विविध प्रकार के झाड़ू की खरीदारी की। इसका फायदा उठाते हुए दुकानदारों ने मुंहमांगें दाम वसूले। अनुमान है कि झाड़ू के थोक व फुटकर बाजार में करीब पांच से छह करोड़ रुपये की बिक्री हुई होगी।

—किस बाजार में कितनी धनवर्षा (अनुमानित)

आटोमोबाइल 385-400 करोड़, रियल एस्टेट 300-350 करोड़, सर्राफा 650-700 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद 225-250 करोड़,

आनलाइन कारोबार 850-900 करोड़, मिठाई 190-200 करोड़,विविध प्रकार के बर्तन 55-60 करोड़,

पूजन सामग्री 08 से 10 करोड़,मिट्टी के दीये, देवी-देवताओं की मूर्ति 2.50-3.00 करोड़,गिफ्ट आइटम 50-60 करोड़,चाकलेट फ्रूट 25-30 करोड़,

झालर, एलईडी स्ट्रिप्स 20-25 करोड़,कटपीस/तैयार परिधान/होम फर्नीशिंग 30-40 करोड़,ड्राई फ्रूट्स 25-30 करोड़,आर्टिफिशियल ज्वैलरी 2.50-3.00 करोड़,फर्नीचर उत्पाद 50-60 करोड़,साइकिल/रिक्सा/ट्राली 2.50-3.00 करोड़,कृषि उत्पाद 20-25 करोड़,रंग-रोगन उत्पाद 125-130 करोड़

नोट-सभी आंकड़े विभिन्न थोक एवं फुटकर बाजार से मिली जानकारी के आधार पर अनुमानित।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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