झज्जर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बहादुरगढ़ में चल रहा 10 दिवसीय हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक उत्सव-2024 जिस तरह समापन की ओर बढ़ रहा है शहर की तमाम हस्तियां भारतीय शिल्पकार बुनकरों और किसानों से मिलने के लिए उत्सव में पहुंच रही हैं। मंगलवार को हल्का बहादुरगढ़ के विधायक राजेश जून ने शिल्पकारों, बुनकरों और किसानों से मुलाकात की।
नालंदा पब्लिक स्कूल सांपला के डायरेक्टर सूबे सिंह भी मेले में पहुंचे। उन्होंने कहा कि आर्ट एंड क्राफ्ट मेले से छात्र छात्राओं को क्रिएटिविटी में भाग लेने का अवसर मिलता है। हर वर्ष बहादुरगढ़ के हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक उत्सव में विद्यार्थियों को आसानी से शिल्पगुरुओ, नामी शिल्पकारों व बुनकरों से मिलने का अवसर मिलता है। गवर्नमेंट स्कूल के अध्यापक आनंद तोबढ़िया व उनकी पत्नी प्रिंसिपल प्रीति ने बताया कि वे प्रत्येक वर्ष छात्र छात्राओं को सांस्कृतिक उत्सव में परंपरागत हस्तशिल्प की जानकारी प्राप्त करने के लिए लेकर आते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट आनंद गोयल ने कहा कि इस प्रकार का आयोजन बहादुरगढ़ में होना गर्व की बात है। भविष्य में हरियाणा एक्सपो के नाम से भी ऐसा आयोजन हो सकता है। उन्होंने हस्तशिल्प एवं सांस्कृतिक उत्सव के आयोजकों से इस बारे में चर्चा की। गोयल ने आश्वासन दिया कि बीसीसीआई चैंबर ऑफ कॉमर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट ग्रुप, औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े हुए बिजनेसमैन से इस विषय में चर्चा कर वह भविष्य में हर प्रकार की सहायता हरियाणा एक्सपो के लिए करेंगे। ऐसे आयोजन बड़े-बड़े शहरों में होते हैं लेकिन बहादुरगढ़ में होना इस बात का संकेत है कि भविष्य में हरियाणा एक्सपो भी हो सकता है।
सूर्य रोशनी से अधिकारी सुनील बंसल ने बताया इस कार्यक्रम में पूरे राष्ट्र की झलक नजर आती है न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम में बल्कि शिल्पकला और हथकरघा में भी यहां अनूठी वस्तुयें देखने को मिलती हैं। संगीत के क्षेत्र से जुड़े विनोद गिरधर ने इस बात की प्रशंसा की कि संगीत क्षेत्र को भी इस कार्यक्रम में जगह मिली। इससे शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा मिल रहा है। मंगलवार को छह साल से 15 साल तक के छोटे बच्चों की परफॉर्मेंस तारीफ के काबिल रही। बहादुरगढ़ की नृत्य अकादमी को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कला किसी में भी छुपी हो सकती है। ऐसा मंच समाज में नई प्रतिभाओं को ढूंढ कर लाता है और उसे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने में मदद करता है।
आयोजन समिति की ओर से सूर्यकांत ने बताया कि समापन के अवसर पर गुरु- शिष्य परंपरा से जुड़े हुए श्री जयनारायण बोन्दवाल गुरु-शिष्य सम्मान से कई शिल्पियों को सम्मानित किया जाएगा l यह सम्मान गुरु के रूप में शिल्पकार एवं बुनकर को दिया जाता है। जयनारायण ने हरियाणा में शिल्प कला को आगे बढ़ाया। इस परंपरा में अबकी बार भी राजस्थान को गुरु का सम्मान जा रहा है। 2023 का गुरु-शिष्य सम्मान राजस्थान से राम सोनी को और बहादुरगढ़ से साक्षी गर्ग को सांझी कला की विकास के लिए दिया गया था।
(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज