Uttar Pradesh

लक्षमण को लगी शक्ति, राम ने किया कुंभकरण का वध

कुंभकरण का बध करते श्रीराम

– श्रीविंध्य प्राचीन रामलीला समिति की ओर से रामलीला मंचन का 9वां दिन

मीरजापुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विंध्याचल के मोती झील मार्ग पर श्रीविंध्य प्राचीन रामलीला समिति की ओर से आयोजित दस दिवसीय रामलीला मंचन के 9वें दिन मुख्य अतिथि नगर उपाध्यक्ष भाजपा पश्चिम हर्षित खत्री ने श्रीराम, लक्ष्मण एवं हनुमानजी की आरती व पूजन किया। रामलीला में हनुमानजी के संजीवनी बूटी लाने, श्रीराम द्वारा कुंभकरण का वध सहित कई अन्य प्रसंगों का मंचन किया गया।

रामलीला के क्रम में लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने के बाद उन्हें उठाकर हनुमान श्रीराम के पास लाते हैं। विभीषण के बताने पर हनुमान लंका से सुषेन वैद्य को कुटिया सहित उठा लाते हैं। सुषेन वैद्य बताते हैं कि अगर हनुमान सूर्य निकलने के पहले संजीवन बूटी लेकर आ जाएं तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं। हनुमान कालनेमि को मारकर संजीवनी बूटी समझ न आने पर द्रोणगिरि पर्वत ही उठा लाए और संजीवन बूटी सुषेन वैद्य को देते हैं जिसे लक्ष्मण को खिला देते हैं तो वह जीवित हो जाते हैं। इधर, रावण अपने भाई कुंभकरण को जाकर सारी घटना बताता है। कुंभकरण ने कहा, भाई रावण माता सीता को सम्मान के साथ प्रभु श्रीराम को लौटा दो और अपनी गलती की माफी मांग लो। प्रभु श्रीराम तुमें माफ कर देंगे तब रावण क्रोध से बोला, भाई कुंभकरण तुम मदद करने की जगह मुझे उपदेश दे रहे हो। जाओ जाकर सो जाओ, मुझे तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है।

कुंभकरण ने कहा कि ठीक है। मैं आपकी आज्ञा मानकर उनसे युद्ध करूंगा। कुंभकरण ने रावण से कहा, आओ भाई अब गले लग जाओ, शायद अब हमारा मिलन न हो। यह बात कहकर कुंभकरण रणभूमि में जाता है और अकेला ही श्रीराम की सेना पर हावी हो जाता है, जिससे वानर सेना में हाहाकार मच जाता है। अंत में श्रीराम युद्ध के लिए जाते हैं और कुंभकरण पर तीर से वार करते हुए उसके भुजा, सिर और धड़ को अलग कर मृत्यु लोक पहुंचा देते हैं। वानर सेना प्रभु श्रीराम की जयकार करने लगती है। रामलीला में हनुमान की भूमिका में विक्रम मिश्र (निशु), मेघनाथ की भूमिका गिरजेश द्विवेदी, विभिषण मुन्नाबाबू मिश्र, जामवंत की भूमिका में उत्कर्ष द्विवेदी, सुषेन वैद्य प्रकाशचंद पांडेय, रावण की भूमिका में राजगिरी, कालनेमी की भूमिका में अमन गोस्वामी, कुंभकरण की भूमिका में रामेश्वर त्रिपाठी के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों का मन मोह लिया। संचालन आदर्श उपाध्याय व अमन गोस्वामी ने किया। व्यास की भूमिका गोपी मिश्र ने निभाई।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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