नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विकिपीडिया एक न्यूज एजेंसी के बारे में सूचना संपादित करने वाले यूजर्स का नाम साझा करने पर राजी हो गया है। आज विकिपीडिया की ओर से पेश वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि वो इस संबंध में सीलबंद लिफाफे में बताएगा कि किन यूजर्स ने न्यूज एजेंसी के बारे में सूचना संपादित किया। इस मामले पर कल यानी 29 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रहेगी।
चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष विकिपीडिया की ओर से पेश वकील अखिल सिब्बल ने कहा कि वो इन यूजर्स की जानकारी सीलबंद लिफाफे में देगा और उन्हें कोर्ट का नोटिस भी तामील करवाने में मदद करेगा। विकिपीडिया ने कहा कि कोर्ट का नोटिस तामील करने की सूचना संबंधित न्यूज एजेंसी को दी जाएगी लेकिन उसमें यूजर की पहचान की जानकारी नहीं होगी। ऐसा होने पर यूजर्स की गोपनीयता सार्वजनिक नहीं होगी और कोर्ट को संबंधित यूजर्स की पूरी जानकारी भी मिल जाएगी।
हाई कोर्ट ने 21 अक्टूबर को कहा था कि किसी न्यूज एजेंसी के लिए इससे बुरी बात कुछ नहीं हो सकती है कि उसे सरकार का प्रोपेगेंडा टूल बताया जाए। विकिपीडिया ने कहा था कि न्यूज एजेंसी के संबंध में जो सूचना संपादित की गई थी उस पेज को हाई कोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि न्यूज एजेंसी ने सिंगल बेंच के समक्ष जो याचिका दायर की है उसमें काफी गंभीर आरोप हैं। कोर्ट ने विकिपीडिया से कहा कि आपको न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना चाहिए। अगर आप नाम नहीं बताएंगे तो न्यूज एजेंसी की ओर से दाखिल याचिका में उसका पक्ष कैसै जाना जा सकता है।
16 अक्टूबर को कोर्ट ने न्यूज एजेंसी को सरकार का प्रोपेगेंडा टूल बताने वाले विकिपीडिया के विवरण संबंधी मामले में कोर्ट के फैसले पर की गई टिप्पणियों वाले पेज को 36 घंटे के अंदर हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान विकिपीडिया ने कहा था कि विकिपीडिया विवरण संपादित करने वाले का विवरण नहीं बता सकता। ये उसकी निजता की नीति का हिस्सा है। तब कोर्ट ने कहा था कि अगर आप नाम नहीं बताएंगे तो जिस व्यक्ति ने विवरण संपादित किया है कोर्ट उसका रुख कैसे जान पाएगी।
उल्लेखनीय है कि 05 सितंबर को सिंगल बेंच ने विकिपीडिया के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था। जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने कहा था कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे। न्यूज एजेंसी ने आरोप लगाया था कि विकिपीडिया वेबसाइट पर उनके बारे में सूचना दी गई है कि वो सरकार का प्रोपेगेंडा टूल है। इस पर हाई कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया था कि वो इस सूचना को लिखने वाले यूजर का खुलासा करें लेकिन विकिपीडिया ने यूजर का खुलासा नहीं किया।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह