प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात को दी 4800 करोड़ के विकास परियोजनाओं की सौगात
अमरेली, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अमरेली जिले के लाठी में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जैसे-जैसे भारत का विकास हो रहा है, दुनिया में भारत का गौरव बढ़ता जा रहा है। विश्व भारत की ओर नई आशा से देख रहा है। विश्व में एक नई दृष्टि भारत के लोगों को देखने के प्रति पैदा हुई है। भारत के सामर्थ्य की लोगों की पहचान होने लगी है। पूरी दुनिया भारत की बात गंभीरता और ध्यान से सुनती है। भारत के अंदर की संभावनाओं को लेकर चर्चा होने लगी है।
प्रधानमंत्री ने देश के इस सामर्थ्य में गुजरात की भूमिका की चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुजरात ने दुनिया को बताया कि भारत के शहरों-गांवों में कितना सामर्थ्य है। रूस में हुए ब्रिक्स सम्मेलन की चर्चा कर पीएम ने कहा कि वहां विश्व के कई देशों ने भारत के साथ जुड़ने की मंशा प्रकट की। वे भारत की विकास यात्रा में भागीदार होने के लिए निवेश की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। जर्मनी अपने उद्यमियों को भारत में निवेश के लिए प्रेरित कर रहा है। जर्मनी की भारत के लोगों को वीजा देने की घोषणा पर मोदी ने कहा कि पहले जर्मनी 20 हजार वीजा देता था, अब वह 90 हजार वीजा देगा। मोदी ने इसे भारत के नौजवानों के लिए बड़ा अवसर बताया। वडोदरा में टाटा की फैक्टरी में स्पेन के साथ मिलकर बनने वाले सेना के परिवहन विमान फैक्टरी की चर्चा कर प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे गुजरात के छोटे-छोटे उद्योगों को लाभ होगा। राजकोट समेत गुजरात के कोने-कोने में बनने वाले छोटे उद्योगों के कल-पुर्जों का उपयोग होगा।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने अमरेली के लाठी से 4800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। मोदी ने दिवाली पूर्व हुए इस आयोजन पर कहा कि एक तरफ संस्कृति का उत्सव और दूसरी ओर विकास का उत्सव चल रहा है। यह भारत की एक नई तासीर है, विरासत और विकास साथ-साथ चल रहा है। प्रधानमंत्री ने सौराष्ट्र और अमरेली की धरती को रत्नों की भूमि बताया। उन्होंने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और राजनीतिक महत्व की चर्चा की। कई संतों-महापुरुषों का उल्लेख किया। लोक साहित्यकार काग बापू और गुजरात के प्रथम मुख्यमंत्री जीवराज मेहता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमरेली के लोगों ने मुसीबत के विरुद्ध मुकाबला किया, चुनौतियों को चुनौती दी है। प्राकृतिक आपदाओं के समक्ष झुकने के बजाए सामर्थ्य का रास्ता चुना है, हम उनकी संतान है। यहां के रत्नों ने देश का नाम रोशन किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब से गुजरात में भाजपा की सरकार बनी है, पानी को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरों को बताते थे कि उनके राज्य के बजट का बड़ा हिस्सा पानी के लिए खर्च किया जाता है। सरदार सरोवर नर्मदा प्रोजेक्ट की उन्होंने चर्चा की। मोदी ने कहा कि नर्मदा नदी से 20 नदियों को जोड़ा गया है। नदियों में छोटे-छोटे तालाब बनाने की परिकल्पा की चर्चा कर उन्होंने कहा कि जिससे मिलों तक पानी का फैलाव होगा। गुजरात-सौराष्ट्र के लोगों को पानी का महत्व पता है, क्योंकि यहां के लोगों ने इसकी समस्या को देखा है। पानी के महत्व को हम जानते हैं इसलिए देश में पहली बार जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया। नर्मदा के जल को गांव-गांव पहुंचाने का भगीरथ प्रयास किया है। एक समय कहा जाता था कि नर्मदा की परिक्रमा से पुण्य मिलता है, युग बदला माता नर्मदा खुद गांव-गांव की परिक्रमा कर पहुंचकर पुण्य बांट रही हैं। सरकार की जल संचय की योजना की मोदी ने चर्चा कर कहा कि लोगों ने शुरू में इसका मजाक उड़ाया था, लेकिन आज यह कच्छ-सौराष्ट्र को नवजीवन दिया है।
प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर अभियान की सफलता का उल्लेख किया। कैच दी रेन का जन अभियान का भी उल्लेख कर बताया कि इसके जरिए बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान में जल संरक्षण का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके महत्व को सौ-दो सौ वर्ष पूर्व भी लोगों ने स्वीकार किया। महात्मा गांधी के पोरबंदर स्थित घर की चर्चा कर मोदी ने कहा कि वहां घर के अंदर 200 पुराना जल संग्रह का टंकी जमीन के अंदर देखने को मिलता है। आज जहां-जहां नर्मदा का पानी पहुंचा है, वहां किसान तीन-तीन फसल साल में उगाते हैं। जाफराबाद का बाजरा और अमरेली के केसर केरी (आम) का उन्होंने बखान किया। हालोल में नेचुरल फॉर्मिंग कॉलेज की चर्चा कर उन्होंने किसानों से गाय आधारित प्राकृतिक खेती की अपील की। अमरेली के डेयरी उद्योग की चर्चा कर उन्होंने कहा कि 2007 में अमर डेयरी की शुरुआत हुई थी, तब 25 गांव में सहकारी समिति थी लेकिन आज 700 से अधिक गांव में सहकारी समिति इस डेयरी से जुड़ गए हैं।
पानी और पर्यटन का सीधा नाता बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत माता सरोवर में पक्षियों का आगमन शुरू हो सकता है। इससे यहां पर्यटन शुरू हो जाएगा। सरदार सरोवर को पयर्टन का केन्द्र बताते हुए उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने के बाद यह पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। यहां 50 लाख लोग पिछले साल सरदार पटेल की प्रतिमा देखने आए थे। गुजरात के लंबे समुद्र तट के बारे में मोदी ने कहा कि यह पहले दुख देता था, लेकिन आज यह समृद्ध का द्वार है। अपने तीसरे टर्म का उल्लेख कर मोदी ने कहा कि 60 साल बाद देश ने किसी प्रधानमंत्री को तीसरी बार मौका दिया है। सामान्य मानव के जीवन की चिंता के तहत उनके लिए घर, बिजली, रेल, रोड, हवाईअड्डा, गैस पाइपलाइन, टेलिफोन लाइन, आप्टिकल फाइबर, हॉस्पिटल आदि आधारभूत संरचना के सभी काम हो। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना मजबूत होने पर उद्योगों का आना शुरू हो जाता है। मोदी ने जामनगर से अमृतसर, भटिंडा तक इकोनॉमिक कोरिडोर का उल्लेख कर कहा कि इसका काम चल रहा है, जिसका बड़ा फायदा होगा। गुजरात से लेकर पंजाब तक के राज्यों को लाभ होगा।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय