फरीदाबाद, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । वल्र्ड स्ट्रोक डे पर सोमवार को ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्टर डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि स्ट्रोक या दिमाग का दौरा देश में दिल का दौरा और कैंसर के बाद मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। विकलांगता का भी इसे प्रमुख कारण माना जाता है। फरीदाबाद में युवाओं में स्ट्रोक की समस्या तेजी से बढ़ रही है। स्ट्रोक में पहले साढ़े चार घंटे मरीज के लएि विंडो पीरियड के अहम होते हैं।
इस बीच मरीजों का इलाज शुरू हो दिया जाए तो वह ठीक पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। न्यूरोलॉजी ओपीडी में आए मरीजों को जागरूक करते हुए डॉ. रोहित ने बताया कि भागदौड़ भरी लाइफ में व्यक्ति आज अपने सुकून को खोता जा रहा है। तनाव के इस दौर में व्यक्ति को इसका पता भी नहीं चल पा रहा है कि पीछे दरवाजे से कई तरह की बीमारियों उसे अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। उन्होंने स्ट्रोक की मुख्य वजह स्ट्रेसफुल लाइफ और धूम्रपान, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, बढ़ता लिपिड स्तर को बताया है। ऑफिस में लोग अपने काम को अगले दिन के लिए छोड़ देते है। इससे काम का बोझ बढ़ता जाता है।
इससे धीरे-धीरे तनाव से ग्रसित हो जाते है। तनाव की वजह से ही इन बीमारियों के अलावा पैरालाइसिस ( लकवा ) भी आम इंसान को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। स्ट्रोक दिमाग में ब्लड सर्कुलर में कमी आ जाने के कारण होता है। उन्होंने कहा कि तीव्र स्ट्रोक और लकवाग्रस्त रोगियों के लिए थ्रोम्बोलाइसिस इंजेक्शन नई तकनीक है। अस्पताल में इस तकनीक का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। स्ट्रोक के अब तक करीब 500 से अधिक मरीजों को थ्रोम्बोलाइसिस इंजेक्शन से ठीक किया जा चुका है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर