-पूरे विश्व को प्रकाशमान करने के लिए उदित हो चुका है भारत के सौभाग्य का सूर्य
देहरादून, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर है। भारत विश्व कल्याण के साथ समृद्धि की ओर बढ़ चला है। सांस्कृतिक विरासत के सम्मान के साथ भारत विकसित राष्ट्र ही नहीं, विश्व कल्याण का सूत्रधार भी बनेगा। यह सपना देवभूमि पर साकार होता दिख रहा है।
लेखक गांव थानों में आयोजित पांच दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव के समापन समारोह में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिमालय की यह पवित्र धरती भारत की चेतना, ज्ञान, अनुभूति और विज्ञान के प्रकाशित होने की धरती है। इस धरती से भारत के सौभाग्य का सूर्य एक बार फिर पूरे विश्व को प्रकाशमान करने के लिए उदित हो चुका है।
लेखक गांव से हुई लेखन परंपरा की नए युग की शुरुआत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाणी, शब्द, बोध और सृजन की कल्पना ऋषियों-मुनियों ने लोक कल्याण की दृष्टि से की थी। निश्चित रूप से लेखक गांव लोक कल्याण की परंपरा को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। लेखक गांव की संकल्पना से भारतीय साहित्य का इतिहास और भविष्य दोनों पुन: समृद्धि प्राप्त की है। लेखक गांव लेखन परंपरा की नए युग की शुरुआत है।
पौराणिक धर्मग्रंथों की जन्मस्थली है देवभूमि, अनुकरणीय है लेखक गांव
उन्होंने कहा कि लेखक गांव साहित्यकारों, लेखकों व कलाकारों को नई दिशा देने का ऐतिहासिक प्रयास है। देवभूमि अनेक पौराणिक धर्म ग्रंथों की जन्मस्थली रही है। उन्होंने लेखक गांव को देश-दुनिया के लिए अनुकरणीय बताया।
15 से अधिक पुस्तकों का विमोचन, लेखकों-साहित्यकारों का सम्मान
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लेखक गांव ऐसा स्थल बनेगा, जहां लेखकों को न केवल अपनी रचनात्मक लेखन शैली के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा बल्कि सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहरों को संरक्षित करने का भी एक मंच मिलेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने 15 से अधिक पुस्तकों का विमोचन किया। साथ ही अनेक लेखकों-साहित्यकारों को सम्मानित भी किया। समारोह में अतिथियों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
साहित्यिक विकास में अपने योगदान को और प्रबल करने का लिया संकल्प
विशिष्ट अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा कि कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है और लेखक गांव से प्रकाशित होने वाली ये पुस्तकें राष्ट्र निर्माण में सहायक होंगी। वहीं कार्यक्रम में आरएनटीयू के कुलाधिपति संतोष चौबे ने अपने पिता के नाम पर एक पीठ स्थापित करने की घोषणा की और साहित्यिक विकास में अपने योगदान को और प्रबल करने का संकल्प लिया।
दीपावली से पहले साकार हुई ‘पुस्तकों की दिवाली’
परमात्मा निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने डॉ निशंक को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि उन्होंने दिवाली से पहले ही ज्ञान और सृजन की ‘पुस्तकों की दिवाली’ को साकार कर दिया है। स्वामीजी ने उनके द्वारा शुरू की गई ‘स्पर्श गंगा’ पहल की भी प्रशंसा की, जो पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिचायक है।
बेहद भावुक होकर लौटे प्रवासी साहित्यकार
स्पर्श हिमालय महोत्सव में भारत के विभिन्न प्रदेशों सहित 40 से अधिक देशों के साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र की अनेक विभूतियों का अद्भुत समागम दिखा, जिन्होंने साहित्य की गंगा बहाई। महोत्सव में देश-विदेश के विश्वविद्यालयों से विशेष प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस अद्वितीय महोत्सव का साक्षात्कार किया व इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। विश्व भर से आए प्रवासी साहित्यकार बेहद भावुक होकर लौटे।
देश-विदेश की भाषा लिखित एक लाख पुस्तक पढ़ने को मिलेंगी
लेखक गांव के संरक्षक भारत सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने बताया कि स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 का उद्देश्य साहित्य, संस्कृति व कला का संरक्षण एवं प्रोत्साहन देना है। इसी प्रयासों के तहत लेखक गांव की स्थापना की गई। यहां निर्मित पुस्तकालय में देश-विदेश की भाषा लिखित एक लाख पुस्तक पढ़ने को मिलेंगी। लेखक गांव में लेखक कुटीर, भोजनालय में उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पाद, संजीवनी हिमालय उत्पाद, अतिथि लेखक गृह, अनुसंधान एवं हिमालय संग्रहालय, नवग्रह वाटिका, संजीवनी वाटिका, तीर्थाटन वाटिका की स्थापना की गई है। यहां कई दुर्लभ धरोहरों से रूबरू हुआ जा सकेगा। साथ ही आवश्यक जानकारियों का उपयोग शोध में भी हो सकेगा।
स्कैन करते ही मिलेगी पौधों की जानकारी
थानो में स्थापित लेखक गांव जहां साहित्यकारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा तो वही यहां विभिन्न छात्र-छात्राओं को शोध अनुसंधान में भी काफी लाभ होगा। यहां स्थापित नवग्रह वाटिका, संजीवनी वाटिका, तीर्थाटन वाटिका में तीन सौ से अधिक दुर्लभ पौधे लगाए गए हैं। स्कैनर के माध्यम से उस पौधे की पूरी जानकारी लोग आसानी से जान सकेंगे। इसके लिए हर पौधे के समीप उसका नाम और एक स्कैनर लगाया गया है। जिसे स्कैन करते ही उसकी सभी जानकारियां मोबाइल में मिल जाएंगी।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण