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अयोध्या की तरह चित्रकूट का भी होगा विकासः मुख्यमंत्री डॉ यादव

चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय श्री रामलीला उत्सव में मुख्यमंत्री
चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय श्री रामलीला उत्सव में मुख्यमंत्री
चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय श्री रामलीला उत्सव में मुख्यमंत्री
चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय श्री रामलीला उत्सव में मुख्यमंत्री

– मुख्यमंत्री ने किया अंतरराष्ट्रीय श्री रामलीला उत्सव का समापन

सतना, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अयोध्या में 500 वर्ष के अंतराल के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। तब से पूरे देश में सनातन संस्कृति की धारा बह रही है। चित्रकूट के कण-कण में भगवान राम की महिमा व्याप्त है। अयोध्या की तरह तीर्थस्थल चित्रकूट का भी विकास किया जाएगा। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार दोनों मिलकर चित्रकूट के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार की रात सतना जिले के चित्रकूट में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित श्री रामकथा के विविध प्रसंगों पर आधारित सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री लखन पटेल, सांसद गणेश सिंह, विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, संगठन सचिव अभय महाजन, सीमा यादव भी उपस्थित रही।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भगवान राम के चरित्र प्रसंगों को समेटे चित्रकूट का यह क्षेत्र अलग-अलग स्वरूपों के साथ मनोरम है। चित्रकूट की धरती पर भगवान राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए। जिन्होंने एक आज्ञाकारी पुत्र और भाई से भाई के प्रेम का प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया। श्रीराम के जीवन के हर चरित्र और प्रसंग हमें जीवन मूल्यों के षिक्षा और प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि राम की लीला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंण्ड, कम्बोडिया में भी प्रेरणा के रूप में पहुंचाने वाले हमारे कलाकार हैं।

उन्होंने कहा कि चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय रामलीला में प्रस्तुतियां देने वाले ये सभी कलाकार महाकाल की नगर उज्जैन से आते हैं। मध्य प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के तीर्थ चित्रकूट को सबसे अच्छा बनाना सरकार का संकल्प है। भौतिक संरचना के साथ समाज में बदलाव लाने की संकल्पना भी होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी त्यौहारों को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। पुरूषार्थ और पराक्रम के प्रतीक दशहरा के दिन सभी स्थानों पर षस्त्र पूजन किया गया है। दीपावली के अवसर पर श्रीराम के प्रसंगों पर आधारित रामलीला का आनंद लेने वह स्वयं श्रीराम के धाम चित्रकूट आये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने दीवाली के अवसर पर गोवर्धन पूजा का पर्व मंत्रिमण्डल के सहयोगी और जनप्रतिनिधियों के साथ मनाये जाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश की तुलना में मध्य प्रदेश की दुग्ध उत्पादन क्षमता नौ प्रतिशत है। इसे हम अगले दो सालों में 20 प्रतिशत तक ले जाएंगे। पशुपालन को प्रोत्साहन देने किसानों की तरह पषुपालकों को दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जायेगा। घर-घर में गौमाता पालने को प्रोत्साहन भी दिया जायेगा और गोवर्धन पूजा भी की जायेगी। बडी गौशालाओं को मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय मदद करेगी।

संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा में सभी धार्मिक कार्य सपत्नीक किये जाते हैं और चित्रकूट की पुण्य भूमि में मुख्यमंत्री डॉ यादव अंतरराष्ट्रीय रामलीला के कार्यक्रम में सपत्नीक शामिल हुए हैं। यह अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि राम इस देश के कण-कण में समायें हैं। राम इस देश के चरित्र, जीवन मूल्य में समाहित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशा के अनुरूप चित्रकूट में अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव का मंचन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश को सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा के उन्नत शिखर पर स्थापित करने का कार्य सरकार कर रही है। श्रीराम वन गमन पथ के मार्गों को चिन्हित कर 23 स्थलों को विकसित और पल्लवित करने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव सपत्नीक रामलीला की आरती में शामिल हुए और राघव प्रयाग घाट से रामघाट तक मां मंदाकिनी में नौका विहार किया।

मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग की ओर से 20 से 26 अक्टूबर 2024 तक श्रीरामकथा के विविध प्रसंगों की लीला प्रस्तुतियों पर एकाग्र सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव का आयोजन श्रीराघव प्रयाग घाट, नयागाँव चित्रकूट में किया गया। समारोह में लीला मण्डल रंगरेज कला संस्थान, उज्जैन के कलाकारों ने श्रीरामकथा के प्रसंगों की प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर “श्रीरामराजा सरकार” श्रीराम के छत्तीस गुणों का चित्र कथन प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। समारोह के अंतिम दिन सेतुबंध, रामेश्वरम स्थापना, रावण-अंगद संवाद, कुंभकरण, मेघनाथ एवं रावण मरण, श्री राम राज्याभिषेक प्रसंगों को मंचित किए गए। इसके पूर्व रीवा की लोक गायिका कल्याणी मिश्रा और साथी कलाकारों ने बघेली लोक गीतों के माध्यम से प्रभु श्रीराम और माता सीता के जीवन और आदर्शों का वर्णन किया गया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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