जम्मू, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कार्तिक कृष्ण पक्ष रमा एकादशी का व्रत इस वर्ष सन् 2024 ई. 28 अक्टूबर सोमवार को है। एकादशी व्रत के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि एक वर्ष में 24 एकादशी होती हैं,लेकिन जब तीन साल में एक बार अधिकमास (मलमास) आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष रमा एकादशी तिथि 27 अक्टूबर रविवार सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 28 अक्टूबर सोमवार सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर सोमवार को ही होगा। रमा एकादशी व्रत का पारण 29 अक्टूबर मंगलवार सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर इसी दिन सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक किया जाएगा।
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना की जाती है। माता लक्ष्मी जी को रमा भी कहते हैं, कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी पर भगवान विष्णु संग रमा की भी पूजा होती है, इसलिए इसे रमा एकादशी कहते हैं ।जो भक्त इस दिन भगवान विष्णु जी के साथ मात लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके घर से दुख, दरिद्रता एवं नकारात्मकता दूर हो जाती है। घर के सुख, समृद्धि, संपत्ति में वृद्धि होती है। धर्मग्रंथों के अनुसार एकादशी के व्रत को करने से व्रती को अश्वमेघ यज्ञ,जप,तप,तीर्थों में स्नान-दान से भी कई गुना शुभफल मिलता है। एकादशी का व्रत करने वाले व्रती को अपने चित, इंद्रियों और व्यवहार पर संयम रखना आवश्यक है। एकादशी व्रत जीवन में संतुलनता को कैसे बनाए रखना है सीखाता है । इस व्रत को करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में अर्थ और काम से ऊपर उठकर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष को प्राप्त करता है। यह व्रत पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है।
इस दिन जो व्यक्ति दान करता है वह सभी पापों का नाश करते हुए परमपद प्राप्त करता है। इस दिन ब्राह्माणों एवं जरूरतमंद लोगों को स्वर्ण, भूमि, फल, वस्त्र, मिष्ठानादि, अन्न दान, विद्या दान दक्षिणा एवं गौदान आदि यथाशक्ति दान करें।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा