Jammu & Kashmir

प्रो. ललित मगोत्रा ​​की डोगरी पुस्तक जिद्दी चेते का विमोचन

प्रो. ललित मगोत्रा ​​की डोगरी पुस्तक जिद्दी चेते का विमोचन

जम्मू, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । डोगरी संस्था जम्मू ने के.एल.सैहगल हॉल, अभिनव थियेटर, जम्मू में आयोजित एक सादे लेकिन प्रभावशाली समारोह में प्रो. ललित मगोत्रा ​​के डोगरी भाषा में लिखे गये संस्मरणों और यात्रा वृतांतों के संग्रह ‘जिद्दी चेते’ का विमोचन किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और प्रख्यात डोगरी लेखक अशोक अंगुराना मुख्य अतिथि थे, जबकि पुस्तक पर तीन विस्तृत शोधपत्र प्रो. शशि पठानिया, राजकुमार बहरूपिया और आशुतोष पराशर ने प्रस्तुत किए। प्रोफेसर शशि पठानिया का लिखा हुआ पत्र प्रोमिला मन्हास ने उनकी अनुपस्थिति में पड़ा।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. ललित मगोत्रा ​​ने इस पुस्तक को लिखने की अपनी प्रवृत्ति को सांझा करते हुए संस्मरणों को याद किया और कहा कि ये इतने मधुर हैं कि वह इन्हें संग्रह के रूप में संरक्षित करना चाहते थे क्योंकि इनका साहित्यिक महत्व भी है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपनी मातृभाषा डोगरी से लगाव है और अपनी भावनाओं को अपनी मातृभाषा में लिखने में गर्व महसूस होता है। उन्होंने विस्तृत रूप से उनकी किताब पर पत्र लिखने वालों का भी इस अवसर पर धन्यवाद किया।

मुख्य अतिथि अशोक अंगुराना ने कहा कि प्रो. ललित मगोत्रा ​​एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व हैं और उन्होंने एक रचनात्मक लेखक के साथ-साथ मातृभाषा डोगरी के प्रचारक के रूप में डोगरी साहित्य को बहुत कुछ दिया है। उनकी ऊर्जा अद्भुत है और डोगरी के लिए एक मजबूत आवाज़ के रूप में उन्होंने प्रतिष्ठित मंचों पर भाषा के कल्याण की वकालत की है।

प्रसिद्ध डोगरी कवि सुशील बेगाना ने पुस्तक विमोचन समारोह की कार्यवाही का संचालन किया, जबकि डोगरी संस्था जम्मू के महासचिव राजेश्वर सिंह ‘राजू’ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रो. ललित मगोत्रा ​​की अन्य साहित्यिक कृतियों की तरह यह संग्रह भी कई लोगों को अपनी यादें एक पुस्तक के रूप में संग्रहीत करने के लिए प्रेरित करेगा ताकि यादें साहित्यिक कृतियों के माध्यम से अमर हो जाएं क्योंकि एक साहित्यकार की यादें महत्वपूर्ण साहित्यिक मूल्य भी रखती हैं। उन्होंने आगे कहा कि डोगरी भाषा, सांस्कृतिक विरासत और संगठनात्मक कौशल के प्रति उनके जुनून के लिए वह कई लोगों के लिए एक आदर्श हैं। समारोह में बड़ी संख्या में डोगरी, हिंदी, पंजाबी और अन्य भाषाओं के साहित्यकार, साहित्य प्रेमी और प्रो. ललित मगोत्रा ​​के परिवार के सदस्य शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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