शिमला, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में सरकारी पदों को खत्म करने की अधिसूचना को लेकर राज्य सरकार ने यू टर्न ले लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा है कि सरकार ने 20 साल से खाली चल रहे अनावश्यक पदों को खत्म करने का फैसला लिया है और इनकी जगह जरूरत के मुताबिक पद सृजित करने के निर्देश दिए गए हैं जिसकी अधिसूचना अलग से निकाली गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पदों की हमें जरूरत नहीं है। मसलन टाइपिस्ट क्लर्क जैसे पद ही खत्म किए गए हैं। इसी के साथ नए पदों को सृजित करने की भी अधिसूचना जारी की गई है। उनका कहना है कि पदों की अधिसूचनाओं को लेकर मीडिया बेवजह तुल दे रहा है। प्रदेश सरकार ने दो साल में 19 हज़ार पद भरे हैं और सरकार युवा विरोधी नहीं है।
दरअसल वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की ओर से अधिसूचना में सरकारी विभागों में दो साल से रिक्त पदों को खत्म करने के आदेश जारी किए गए हैं। वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की तरफ से ऐसे आदेश सभी विभागों को भेजे गए हैं। वहीं एक नई अधिसूचना में वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी महकमों में उन पदों को ही खत्म करने के आदेश दिए गए हैं, जो अनावश्यक हैं और जिनकी कोई उपयोगिता नहीं है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में लगभग एक लाख 50 हजार पदों का बैगलॉग चल रहा है। कांग्रेस पार्टी ने अपने गारंटी पत्र में पांच लाख नौकरियों के अवसर पैदा करने देने का वायदा किया था और पहली ही कैबिनेट में एक लाख नौकरी देने की गारंटी दी थी लेकिन दो साल में केवल 19 हजार नौकरी सरकार दे पाई है जिसे मुख्यमंत्री सुक्खू ख़ुद स्वीकार रहे हैं। हिमाचल में बेरोजगारों का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है और रोजगार दफ्तरों में 10 लाख के लगभग बेरोजगार पंजिकृत हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा