West Bengal

असुरक्षा की भावना से ग्रस्त मां ने किया बेटी का कत्ल, गिरफ्तार 

कोलकाता, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।

बैरकपुर के आनंदपुरी इलाके में एक महिला द्वारा अपनी 11 वर्षीय बेटी की हत्या करने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में आरोपित महिला को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच के अनुसार, महिला ने बेटी को संभावित खतरों से ‘बचाने’ के लिए ऐसा किया।

घटना आनंदपुरी के डी रोड की है, जहां इंद्रजीत घोष अपनी पत्नी और इकलौती बेटी राजन्या घोष के साथ रहते हैं। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इंद्रजीत की पत्नी मानसिक बीमारी स्किज़ोफ्रेनिया से ग्रस्त हैं और उनका इलाज चल रहा था। राजन्या बैरकपुर के एक स्कूल में छठी कक्षा की छात्रा थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार की रात मां-बेटी एक साथ सोने गए थे। शुक्रवार दोपहर तक कमरे का दरवाजा बंद था, जिससे पिता इंद्रजीत और पड़ोसियों को शक हुआ। उन्होंने दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन सफलता न मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और अंदर प्रवेश किया, जहां राजन्या मृत पाई गई। पुलिस का मानना है कि मां ने बेटी का गला दबाकर उसे मार डाला।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने के बाद मां ने बयान दिया, बड़ी हो रही थी, मुझे डर था कि कोई उसे नुकसान पहुंचा सकता है। अब कोई उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इस बयान से पुलिस और जांच अधिकारी भी स्तब्ध रह गए। बैरकपुर के पुलिस कमिश्नर अलोक राजोरिया ने कहा कि पुलिस मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है और इस संबंध में विशेषज्ञों से भी राय ली जाएगी। शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।

पड़ोसियों के अनुसार, राजन्या की मां टीवी पर नियमित रूप से ‘आरजी कर अस्पताल’ से जुड़े एक हालिया आपराधिक मामले को देख रही थीं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा। पिता इंद्रजीत का कहना है कि उनकी पत्नी का व्यवहार अक्सर असामान्य रहता था, लेकिन बेटी के प्रति वह बहुत अधिक सुरक्षात्मक थीं। बेटी की तबीयत खराब होने पर भी वह बेहद चिंतित हो जाती थीं।

मनोचिकित्सक कौस्तव चक्रवर्ती के अनुसार, स्किज़ोफ्रेनिया से ग्रस्त लोगों में असुरक्षा की भावना बहुत गहरी होती है। ये लोग अपने प्रियजनों को खोने के डर में जीते हैं। बदलते समाज और घटनाओं का असर मानसिक रूप से स्वस्थ लोगों पर भी होता है, ऐसे में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों में इसका गंभीर प्रभाव हो सकता है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपित नियमित रूप से अपनी दवाइयां ले रही थीं या नहीं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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