– समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाने में जुटे हैं बृजेश शुक्ला
ग्वालियर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बच्चे अपने पाठ्यक्रम की पढ़ाई तो करें ही, साथ ही जीवन जीने की कला और रोजगार सृजन के कौशल में भी पारंगत हों। इसी ध्येय के साथ ग्वालियर जिले के शासकीय माध्यमिक विद्यालय बड़ोरी में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक बृजेश शुक्ला समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाने में जुटे हैं। उन्होंने अपने अब तक के 18 वर्ष के सेवाकाल के दौरान कई असहाय विद्यार्थियों का भविष्य तो संवारा ही है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे नवाचार भी किये हैं, जो सम्पूर्ण समाज के लिए उदाहरण बने हैं। समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाने के लिए बृजेश शुक्ला को शुक्रवार को भोपाल में आयोजित हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 हजार रुपये की सम्मान राशि, शॉल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कोरोनाकाल में भी नहीं रुकने दी बच्चों की पढ़ाई
जनसम्पर्क अधिकारी हितेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि शिक्षण गतिविधियों से इतर भी बृजेश शुक्ला ने कई ऐसी जिम्मेदारियों को उतनी ही कर्मठता, सजगता और तत्परता से निभाया, जिससे वे शासकीय सेवकों के लिए कर्तव्य परायणता के आदर्श बन गए हैं। कोरोनाकाल में जब सबकुछ बंद था और लोग अपने घरों में कैद रहने के लिये मजबूर थे, ऐसे विपरीत हालातों में भी बृजेश शुक्ला घर पर नहीं रुके। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए उन्होंने कोरोना के समय कभी ऑनलाइन तो कभी सोशल डिस्टेंस का पालन कर बच्चों के घर जाकर “जादू नहीं विज्ञान” का पाठ पढ़ाया। इससे उनके स्कूल का एक बच्चा अंश जाटव प्रदेश स्तरीय बाल रंग प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश में अव्वल आया। इसी तरह मोगली महोत्सव और राष्ट्रीय मैरिट छात्रवृत्ति प्रतियोगिता में विद्यालय के अनेक बच्चे चयनित हुए।
शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा
ऐसे बच्चे जो बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं, उनके लिए माध्यमिक शिक्षक बृजेश शुक्ला ने “अपना घर अपना विद्यालय” के तहत श्रमिक सेवार्थ पाठशाला चलाई है। इस पाठशाला के माध्यम से उन्होंने अब तक 124 बच्चों को बुनियादी शिक्षा देकर शासकीय स्कूलों में भर्ती कराया और उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा है।
पढ़ाई के साथ रोजगार के हुनर भी सिखाए
बच्चे पढ़ाई के साथ भविष्य के सपने भी गढ़ सकें, इसके लिए बृजेश शुक्ला ने शनिवार के दिन हरिदर्शन स्कूल में बच्चों को एलईडी बल्ब, गाय के गोबर के दीपक, फूलों से अगरबत्ती, धूपबत्ती, जैविक खाद, गुलाबजल, कपड़े व कागज के थैले बनाने जैसे रोजगारमूलक काम भी सिखाए हैं। ग्राम कुलैथ व हजीरा स्थित सीएम राइज स्कूलों के बच्चों को भी बृजेश शुक्ला यह प्रशिक्षण दे चुके हैं। साथ ही समय-समय पर डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) में भी उन्होंने शिक्षकों को कौशल उन्नयन का हुनर सिखाया है।
शिक्षकों के सामने मिसाल रखी कि शैक्षणिक कार्य केवल व्यवसाय भर नहीं
स्कूल की कक्षाओं का सुव्यवस्थित संचालन व प्रबंधन एवं बच्चों के लिये रुचिकर पढ़ाई की विधियाँ विकसित करने के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता इत्यादि रचनात्मक विषय भी मन लगाकर उन्होंने बच्चों को समझाए हैं। शिक्षक श्री बृजेश शुक्ला की इस प्रेरणादायक शैक्षणिक सेवा की यात्रा ने अन्य शिक्षकों के सामने यह मिसाल रखी है कि शिक्षा का कार्य सिर्फ एक पेशा भर नहीं, यह बच्चों के जीवन को संवारने का माध्यम है।
(Udaipur Kiran) तोमर