कानपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी नई तकनीक है जो मशीनों के इस्तेमाल से मानवीय संवेदना, समझ और कार्रवाई को सक्षम बनाती है। इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है और कानपुर आईआईटी भी एआई के क्षेत्र में नया अध्याय लिखने जा रहा है। आईआईटी आगामी चार साल में एआई के जरिये भारत के शहरों का तेजी से विकास करने में मदद करेगी तो वहीं लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान भी होगा।
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ‘भारत में एआई बनाएं, भारत के लिए एआई को काम में लाएं’ नीति के तहत एक नया प्रोगाम शुरु किया है। इस प्रोगाम के जरिये भारत सरकार तीन क्षेत्रों मानव स्वास्थ्य, कृषि और शहरों का विकास में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) शुरू किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर को इस पहल के तहत एआई में ‘सस्टेनेबल सिटीज’ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। ऐसे में आईआईटी कानपुर में कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी के नेतृत्व में केंद्र टिकाऊ शहरों से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए एआई का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। उनके काम में ऊर्जा पूर्वानुमान, वायु गुणवत्ता, शहरी बाढ़ और परिवहन और शहर प्रबंधन के लिए डिजिटल विकसित करने जैसे मुद्दों से निपटना शामिल होगा। टीम अधिक लचीले और रहने योग्य शहर बनाने के लिए अभिनव एआई समाधान विकसित करेगी। यह पहल लाखों भारतीयों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने के लिए तैयार है, जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने और अधिक टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए एआई की शक्ति का प्रदर्शन करती है।
सच्चिदानंद त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि हमारे सीओई से भारत के अग्रणी संस्थान जुड़े हुए हैं और औद्योगिक घरानों का भी साथ है। हम सभी का साथ लेकर आगामी चार साल में शहर के विकास में बाधा बनने वाली सभी समस्याओं का समाधान करेंगे। इसके साथ ही भारत के शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन में कैसे बदलाव आये, इस पर काम किया जाएगा। सबसे अहम बिन्दु शहरवासियों की मानवीय रोजमर्रा की जो समस्याएं हैं ,उसके समाधान पर कार्य किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / अजय सिंह