Haryana

हिसार : डिजिटल लाइब्रेरी व कृषिकोष ई-संसाधनों से शोध कार्यों में आएगी तीव्रता : प्रो. बीआर कम्बोज

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए।

कृषिकोष डिजिटल रिपोजिटरी-साइबर सुरक्षा एवं साहित्य चोरी विषय पर कार्यक्रम आयोजित

हिसार, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में कृषिकोष डिजिटल रिपोजिटरी, साइबर सुरक्षा और शिक्षा एवं अनुसंधान में साहित्यिक चोरी विषय पर एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। हकृवि के नेहरू पुस्तकालय द्वारा आईसीएआर व आईएआरआई के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों में कृषिकोष डिजिटल रिपोजिटरी के बारे में जागरूकता लाना, रिपोजिटरी के उपयोग को बढ़ाना तथा शैक्षणिक एवं शोध समुदाय को साइबर सुरक्षा एवं साहित्यिक चोरी के प्रति संवेदनशील करना है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रचार एवं प्रसार के कारण ज्ञान किसी राज्य या देश की परिधि व समय में बंधा हुआ नहीं है बल्कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों की विभिन्न तकनीकों के माध्यम से सीमाओं से दूर फैल रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के ई-संसाधनों वाले ई-रिपोजिटरी ने इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा हाल के वर्षों में अनुसंधान और विकास का केंद्र बन गए हैं।

उन्होंने बताया कि आईसीएआर ने सीईआरए और कृषि कोर्स जैसे डिजिटल रिपोजिटरी के माध्यम से विभिन्न ई-संसाधनों तक पहुंच की सुविधा प्रदान की है, जिससे एनएआईपी कंसोॢटयम परियोजनाओं के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के तहत कृषि विश्वविद्यालय और आईसीएआर संस्थाओं को लाभ हुआ है। उन्होंने बताया कि नेहरू पुस्तकालय में 2 लाख 50 हजार पुस्तकें है। 2 लाख 6 हजार थीसिज उपलब्ध है जिससे शोधकर्ताओं को नए शोध करने में मदद मिलती है।

आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक व पीआई (ई-ग्रंथ) डॉ. अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि कृषि कोष एक ऐसी डिजिटल रिपोजिटरी है जिसमें देश की समस्त कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि अनुसंधान संस्थानों में किए गए शोध के शोधग्रंथों, अप्रकाशित साहित्य एवं संस्थागत प्रकाशन आदि इसमें उपलब्ध हैं। नेहरू पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के निर्देशक डॉ. राजीव कुमार पटेरिया ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए बताया कि एनएआईपी ‘कृषिप्रभा’ के माध्यम से शोध प्रबंधों को डिजिटल बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि हकृवि का नेहरू पुस्ताकलय इस क्षेत्र में अह्म भूमिका निभा रहा है। डिप्टी लाईब्रेरियन डॉ. सीमा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। आईसीएआर नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भी साइबर सेक्योरिटी विषय पर अपने विचार रखे। मंच का संचालन डॉ. संध्या शर्मा ने किया। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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