-हाईकोर्ट ने स्टैंप ड्यूटी के तहत किसी कार्रवाई पर अगले आदेश तक लगाई रोक
प्रयागराज, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट में गाजियाबाद के डीएम ने हाजिर होकर एसआरएसडी बिल्डकॉन वेंचर्स को स्टाम्प ड्यूटी की नोटिस जारी करने को लेकर अपर महाधिवक्ता के मार्फत अपना पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने डीएम को याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है।
कोर्ट ने कहा है कि यदि जवाब दाखिल नहीं होता है तो वह अगली तारीख 28 नवम्बर को कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। कोर्ट ने अगले आदेश तक याची कम्पनी के खिलाफ स्टैंप एक्ट के अन्तर्गत किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने डीएम की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्हें डिवीजन बेंच के आदेश के बावजूद नीलामी में मिली संपत्ति पर स्टाम्प ड्यूटी लगाने के नोटिस को लेकर उन्हें 24 अक्टूबर को सुबह दस बजे तलब किया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने कम्पनी की ओर से अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनकर दिया है। कोर्ट ने डीएम से सभी रिकॉर्ड के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा था। कोर्ट ने कहा कि गाजियाबाद के डीएम को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नोटिस जारी करने का कोई अधिकार नहीं था।
मामले के तथ्यों के अनुसार, एसआरएसडी बिल्डकॉन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड इंटरनेशनल हाउसिंग कम्पनी ने गाजियाबाद की एक सम्पत्ति को नीलामी में 201 करोड़ रुपये देकर हासिल किया था। नियम के मुताबिक बिना स्टाम्प ड्यूटी के यह सम्पत्ति नीलामी हासिल करने वाली कम्पनी के नाम दर्ज हो जानी चाहिए थी। रजिस्ट्रार ऑफिस ने सात फ़ीसदी स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 14 करोड़ रुपये देने पर ही सम्पत्ति दर्ज करने की बात कही, तो कम्पनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गत दो जुलाई को आदेश दिया था कि नीलामी में मिली अचल सम्पत्तियों को रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी होती है। हाईकोर्ट के इस आदेश के अनुपालन में रजिस्ट्रार ने कम्पनी का नाम रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया। रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बावजूद गाजियाबाद के डीएम ने कम्पनी को नोटिस जारी कर स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 14 करोड़ रुपये जमा करने को कहा। कम्पनी ने इस नोटिस को चुनौती दी है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे