धर्मशाला, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार की विशेष तकनीकी दल ने प्राकृतिक जल स्रोत संगणना के मोबाइल ऐप और उसके पोर्टल की पायलट टेस्टिंग धर्मशाला के भागसूनाग (झरना), धर्मकोट (डल झील), एवं जूल (कुहल) में किया गया। इस दौरान जल निकाय, भूजल, सतही जल तथा स्प्रिंग योजनाओं की संगणना का पूर्वाभ्यास भी किया गया। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भारत के विभिन्न राज्यो में से हिमाचल प्रदेश सहित मात्र चार राज्यों का चयन प्राकृतिक जल स्रोतों की पायलट टेस्टिंग के लिए किया गया है।
जल संसाधनों के संरक्षण में मिलेगी मदद
उधर उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि इस पायलट टेस्टिंग का मुख्य उद्देश्य लघु सिंचाई, जल निकाय, वृहद व मध्यम सिंचाई योजना एवं प्राकृतिक जल स्रोत की गणना करते हुए उनकी वर्तमान स्थिति का आंकलन करना हैं जिससे उनके कार्यान्वयन में सुधार लाते हुए स्थानीय जल संसाधनों के प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकें। तकनीकी दल द्वारा दिए गए सुझावों और त्रुटियों के निराकरण से भविष्य में इन योजनाओं की सफलता की संभावनाएँ और बढ़ जाएंगी। इस प्रकार, यह प्रक्रिया न केवल जल संसाधनों के संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने में सहायक होगी।
तकनीकी दल ने ग्रामीणों के साथ स्थापित किया संवाद
प्रायोगिक परीक्षण के दौरान तकनीकी दल ने विभिन्न महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किए और कई त्रुटियों का विश्लेषण करते हुए उनके सुधार के उपाय भी सुझाए। इस प्रक्रिया में स्थानीय ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित किया गया ताकि योजनाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया