पलवल, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पलवल में सीबीआई अधिकारी बनकर एक ठग ने व्यापारी से 88 लाख रुपए हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का डर दिखाकर कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर जांच के नाम पर यह राशि ट्रांसफर करा ली। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने व्यापारी की शिकायत पर ठगी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार न्यू कॉलोनी पलवल निवासी अनिल कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वह सुथार इंटरप्राइजेज के नाम से डोर फ्रेम का व्यवसाय करता है। व्यापारिक उद्देश्य से वह हरियाणा के विभिन्न शहरों में आता-जाता रहता है। 19 अक्टूबर को उनके वॉट्सऐप पर विभिन्न नंबरों से फोन आए थे। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई के अधिकारी के रूप में पेश किया।
उन्होंने उनके साथ वॉट्सऐप पर सीबीआई और आरबीआई का नोटिस साझा किया। उसे बताया गया कि उनके (पीडित) द्वारा एचडीएफसी बैंक में कई खाते खोले गए हैं और इनके माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। खुद को सीबीआई का अधिकारी बता रहा व्यक्ति वीडियो कॉल पर था और उसने धमकी दी कि वह कॉल न काटे और किसी को न बताए, नहीं तो उसे सात साल की कैद हो सकती है।
आरोपी ने उसके माता-पिता व पत्नी को भी गिरफ्तार करने की धमकी दी। इससे वह डर गया तो आरोपी ने कहा कि उनके बैंक खातों में मौजूद सभी रुपयों की जांच की जाएगी। इसके लिए यह रकम उनके (आरोपियों) के बैंक खातों में ट्रांसफर करनी होगी, जांच के बाद रुपए वापस कर दिए जाऐंगे। वह उनके झांसे में आ गया और उसने अपने बैंक खातों में मौजूद 88 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए आरोपियों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद आरोपियों ने पीडित को फिर अगले 72 घंटों के लिए वीडियो काल पर रखा और फिर जमानत के लिए फाइल तैयार करने के नाम पर 15 लाख रुपए और मांगे। इसके बाद पीडित ने फोन काट कर अपने रिश्तेदारों से बात की तो उसे पता चला कि यह एक साइबर गिरफ्तारी घोटाला है।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी नवीन कुमार ने गुरूवार को जानकारी देते हुए बताया कि अनिल कुमार की शिकायत पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही आरोपियों का सुराग लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग