-मालवीय ब्रिज के समानांतर नए बनने वाले फोर रेल ट्रैक एवं 6 लेन सड़क वाले ब्रिज की साइट देखी
वाराणसी, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । रेलवे बोर्ड के सदस्य इंफ्रा नवीन गुलाटी ने बुधवार को वाराणसी जंक्शन (कैंट) पर चल रहे विकास कार्यो का निरीक्षण किया। नवीन गुलाटी ने वाराणसी मण्डल के परिक्षेत्र में आने वाले स्थलों तथा काशी रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण कर विकास कार्यों की प्रगति को परखा। उन्होंने वाराणसी मण्डल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा एवं मण्डल के अन्य अधिकारियों के साथ चल रहे विकास कार्यों को परखने के बाद उचित गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय पर कार्यो को पूरा करने पर बल दिया। नवीन गुलाटी सबसे पहले राजघाट स्थित मालवीय ब्रिज के समानांतर नए बनने वाले फोर रेल ट्रैक एवं 6 लेन सड़क वाले ब्रिज की साइट पर पहुंचे। साइट का निरीक्षण कर कार्यस्थल की वस्तुस्थिति का भलीभांति आंकलन किया और इसके निर्माण की पूरी प्रक्रिया की रूपरेखा का भी अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने काशी स्टेशन पर पहुंचकर स्टेशन का निरीक्षण किया। स्टेशन के नवनिर्माणाधीन भवन के कार्य एवं यार्ड रीमॉडलिंग की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। यहां से वाराणसी कैंट जंक्शन पर पहुंचकर उन्होंने स्टेशन पर चल रहे प्रगति कार्यों तथा सम्पन्न हो चुके कार्यों का निरीक्षण किया।
बनारस कोचिंग डिपो यार्ड में गुरुवार को फुल स्केल मॉक ड्रिल होगा, मॉक ड्रिल को लेकर बैठक
पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल कार्यालय के भारतेन्दु सभागार में बुधवार को सरंक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मॉक ड्रिल एक्सरसाइज करके त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र की जांच करने की बात की गई। इसी क्रम में बनारस कोचिंग डिपो यार्ड की सिक लाइन में एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के साथ गुरुवार को फुल स्केल मॉक ड्रिल करने की योजना बनी। अपर मंडल रेल प्रबंधक (ऑपरेशन) राजेश कुमार सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) आर एल यादव,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आ.जे चौधुरी,वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बालेन्द्र पाल,वरिष्ठ मंडल इंजीनियर राकेश रंजन,वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शेख रहमान सहित अन्य अफसरों की मौजूदगी में सरंक्षा पर विमर्श हुआ।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमान्डेंट रामभवन सिंह ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विषम परिस्थितियों में होने वाली रेल दुर्घटनाओं जैसे ब्रिज ,सुरंग,नदी के पुल पर होने वाले डिरेलमेंट,टकराव अथवा आग लगने, भूकम्प या बाढ़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में क्विक रिस्पोंस कर घटना के प्रभाव को कम करने, राहत और बचाव की त्वरित कार्यवाही कर अधिकतम जीवन बचाने की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने रेलवे अधिकारियों से त्वरित कार्यवाही करने और अधिकतम जीवन बचाने के लिए किया जाने वाले उपायों के संदर्भ में सुझाव भी मांगे।
अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा)आर एल यादव एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक(ऑपरेशन) राजेश कुमार सिंह ने रेलवे से सम्बंधित पूर्व दुर्घटनाओं का उदाहरण देते हुए बताया की दुर्घटना साईट पर पहुंचने में लगने वाले समय को कम करना होगा। तभी अधिकतम राहत पहुंचाई जा सकती है । प्रायः दुर्घटना के समय स्थानीय नागरिकों की ओर से जो मदद पीड़ितों को प्राप्त होती है वह बहुत सहायक सिद्ध होती है। दुर्घटना बाहुल्य इलाकों में रेलवे लाइनों एवं स्टेशनों के करीब के क्षेत्रीय नागरिकों को भी आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित करना बहुत लाभप्रद होगा।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी